काशीपुर। नगर निगम ने जिस अंदाज़ में शहरवासियों की बरसों पुरानी यातायात संबंधी समस्याओं की चीर-फाड़ कर उसका हल निकाला है, वो न सिर्फ प्रशासनिक इच्छाशक्ति का प्रमाण है, बल्कि विकास की रफ्तार में आ रहे अवरोधों को ध्वस्त कर देने वाली सोच का भी नमूना बन चुका है। महाराणा प्रताप चौक पर बने ओवर ब्रिज के नीचे की बेतरतीब और उबाऊ स्थिति, जो अब तक ई-रिक्शाओं, टेंपो और निजी वाहनों की अनियंत्रित रेलपेल का अड्डा बन चुकी थी, अब एक सुव्यवस्थित पार्किंग स्थल का रूप लेने जा रही है। शासनादेश की शक्ति और नगर निगम की योजना के संपूर्ण समर्पण के साथ बीते रोज इस ज़मीन के उपयोग को सार्वजनिक हित में बदलते हुए 16 लाख 25 हज़ार रुपये की बोली में पार्किंग ठेके की नीलामी कर दी गई। यह सौदा सिर्फ़ एक जगह को व्यवस्थित करने तक सीमित नहीं है, बल्कि उससे अर्जित होने वाली रकम से शहर की रगों में विकास का नया रक्त प्रवाहित होगा, क्योंकि यह पूरी राशि नगर के विकास कार्यों पर खर्च की जाएगी।
कुछ समय पहले तक जो जीजीआईसी के सामने की पार्किंग नगर में पार्किंग की मुख्य शिरा मानी जाती थी, वह अब मल्टी स्टोरी अवतार में पुनर्निर्माण की ओर अग्रसर है और इसी निर्माण कार्य की वजह से पूरे नगर में पार्किंग की व्यवस्था पूरी तरह से ठप पड़ गई थी। इसके कारण सिर्फ़ काशीपुर के व्यापारी ही नहीं, बल्कि रामनगर, बाजपुर, जसपुर, ठाकुरद्वारा जैसे समीपवर्ती कस्बों और गाँवों से आने वाले ग्राहक भी गाड़ियों की पार्किंग की समस्या से त्रस्त हो चुके थे। जब ये ग्राहक ओवर ब्रिज के नीचे अपने वाहन खड़ा कर खरीदारी के लिए दुकानों की ओर बढ़ते थे, तो पुलिस उन्हें अव्यवस्थित यातायात के आरोप में चालान थमा देती थी। नतीजतन, काशीपुर में व्यापार पूरी तरह से प्रभावित होने लगा था। ग्राहक भी त्रस्त थे और दुकानदार भी। ना तो खरीदारी की शांति थी, ना व्यापार की गारंटी। ऐसे में नगर निगम द्वारा किया गया यह निर्णय पूरे व्यापारिक परिवेश में नई सांसें फूंकने जैसा है।
यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि ओवर ब्रिज के नीचे बेतरतीब खड़ी गाड़ियों ने न केवल यातायात की कमर तोड़ दी थी, बल्कि उस क्षेत्र को अराजकता का पर्याय बना दिया था। यह स्थिति सिर्फ़ सड़क पर गाड़ियों के जाम तक सीमित नहीं थी, बल्कि इससे जनता की मानसिक शांति भी छीन रही थी। वाहन चालकों की मनमानी ने हर उस नागरिक को परेशान किया जो थोड़ी देर के लिए भी उस चौराहे से गुज़रता था। इस अव्यवस्था में शासन को राजस्व का भी कोई लाभ नहीं हो रहा था, जिससे नगर निगम की आर्थिक धारा भी सूखती जा रही थी। ऐसे हालात में प्रदेश सरकार द्वारा दिए गए स्पष्ट शासनादेश ने नगर निगम काशीपुर को भी वह आधार दिया कि वह अपनी नीति बनाकर इस क्षेत्र को व्यवस्था के दायरे में ला सके। बीते दिन जब टेंडर प्रक्रिया में सफलतापूर्वक 16 लाख 25 हज़ार की बोली के साथ यह ठेका तय हुआ, तो सिर्फ़ आर्थिक लिहाज़ से नहीं, सामाजिक व्यवस्था के दृष्टिकोण से भी यह एक जीत बन गई।
अब जबकि यह पार्किंग व्यवस्था लागू होगी, तो इसका बहुआयामी लाभ नगर को मिलेगा। पहले जहां पुलिस को ट्रैफिक व्यवस्था के लिए हर रोज़ चालान काटने पड़ते थे, अब वही पुलिस इस व्यवस्था में सहयोगी बन सकेगी। ग्राहक अपनी गाड़ियों को सुरक्षित पार्क कर बेझिझक खरीदारी कर पाएंगे, जिससे काशीपुर के बाजारों में रौनक लौटेगी। दुकानदारों की आय में सुधार होगा और वर्षों से बंद होती जा रही छोटी दुकानें भी फिर से जीवंत हो सकेंगी। दूसरी ओर स्थानीय नागरिकों को भी अपने वाहनों की सुरक्षा की चिंता नहीं सताएगी। एक सुव्यवस्थित पार्किंग न केवल एक ज़रूरत है, बल्कि यह शहरी जीवन की आधारभूत आवश्यकता है, जिसे अब नगर निगम ने न सिर्फ पहचाना है, बल्कि ज़मीन पर उतारने का साहसिक कदम भी उठाया है।
काशीपुर को अब एक नई पहचान मिलने जा रही है—सुंदर, सुव्यवस्थित और सुरक्षित। यह निर्णय प्रशासनिक दृढ़ता का प्रतीक है, जो आगे चलकर नगर के चहुंमुखी विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा। यह एक साधारण नीलामी नहीं है, यह उस सोच की जीत है जो यह मानती है कि नागरिकों की सुविधा सर्वोपरि है। आने वाले समय में जब यह पार्किंग स्थल अपनी पूर्णता को प्राप्त करेगा, तब यह न केवल गाड़ियों का ठिकाना बनेगा, बल्कि यह नगर निगम की सफलता का मील का पत्थर भी कहलाएगा। काशीपुरवासियों को यह आश्वासन दिया जा सकता है कि अब उनका नगर अराजकता की अंधेरी गलियों से निकल कर सुव्यवस्था के उजाले की ओर बढ़ रहा है।
महापौर दीपक बाली ने इस पूरी व्यवस्था पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि नगर निगम काशीपुर ने जनता की मूलभूत समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए यह ठोस निर्णय लिया है, जो सिर्फ़ वर्तमान की नहीं बल्कि भविष्य की ज़रूरतों को भी ध्यान में रखता है। उन्होंने कहा कि ओवरब्रिज के नीचे फैली अव्यवस्था अब बीते समय की बात होगी और अब वह स्थान एक सुव्यवस्थित पार्किंग स्थल में परिवर्तित होगा, जिससे न केवल यातायात की समस्या का समाधान होगा बल्कि नगर निगम को आर्थिक मजबूती भी मिलेगी। दीपक बाली ने बताया कि इस पार्किंग से प्राप्त होने वाली आय का प्रयोग शहर की विकास योजनाओं में किया जाएगा और यह पहल जनता के सहयोग से काशीपुर को एक सुंदर, सुरक्षित और व्यवस्थित शहर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगी। उन्होंने जनता से भी इस नई व्यवस्था का समर्थन और सहयोग करने की अपील की।