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एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने अपराध पर कसा शिकंजा तेज कार्रवाई के दिए निर्देश

लंबित केसों की समीक्षा से लेकर नशा और साइबर अपराध पर सख्ती तक, पुलिस कप्तान ने चुस्त सुरक्षा तंत्र के लिए उठाए अहम कदम।

काशीपुर। नगर निगम सभागार में आज पुलिस प्रशासन की कार्यशैली को धार देने वाला एक महत्वपूर्ण आयोजन संपन्न हुआ। जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा की अध्यक्षता में मासिक अपराध समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसमें जनपद के समस्त राजपत्रित अधिकारी, थानाध्यक्ष, चौकी प्रभारी और शाखा प्रमुखों ने सहभागिता की। यह बैठक केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि जनपद में कानून व्यवस्था की मजबूती, अपराधों पर नियंत्रण और पुलिसकर्मियों की पेशेवर दक्षता को निखारने की एक ठोस रणनीति का हिस्सा रही। बैठक के आरंभ में एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने पिछले निर्देशों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों से सीधे संवाद किया और उनसे फील्ड अनुभव साझा करने को कहा। उनके द्वारा दिए गए निर्देशों से यह स्पष्ट हो गया कि अपराध और अव्यवस्था के लिए अब किसी भी स्तर पर लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

बैठक की एक विशेष बात यह रही कि मणिकांत मिश्रा ने अपने अधीनस्थों से न केवल कानून व्यवस्था से संबंधित रिपोर्ट ली, बल्कि उनके व्यक्तिगत और पारिवारिक मुद्दों को भी गंभीरता से सुना। उन्होंने मानवता और संवेदनशीलता का परिचय देते हुए कहा कि एक पुलिसकर्मी जब मानसिक रूप से संतुलित और तनावमुक्त होगा, तभी वह बेहतर पुलिसिंग कर सकेगा। बैठक में उपस्थित अधिकारियों और कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के लिए मौके पर ही संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया। इस मौके पर उन 15 पुलिसकर्मियों को भी सम्मानित किया गया, जिन्होंने बीते महीने में उत्कृष्ट कार्य कर जनपद की छवि को मजबूत किया। उन्हें प्रशस्ति पत्र प्रदान कर प्रोत्साहित किया गया और बाकी कर्मियों को भी इसी प्रकार कार्य करने का संदेश दिया गया।

बैठक के दौरान अपराध नियंत्रण की दिशा में कुछ अहम और प्रभावशाली निर्णय भी लिए गए। एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने लंबित विवेचनाओं, मालखानों में रुके मामलों, अभियोगों और प्रार्थना पत्रों की समयबद्ध जांच के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि न्याय प्रक्रिया में देरी अपराधियों को बढ़ावा देती है और जनता का विश्वास कमजोर करती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसे सभी मामलों पर सतत निगरानी रखी जाए और अनावश्यक विलंब पर रोक लगे। इसके साथ ही उन्होंने यह भी आदेशित किया कि मुख्यालय एवं रेंज स्तर पर चलने वाले अभियानों में प्रत्येक पुलिसकर्मी की संपूर्ण और सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाए। यह केवल विभागीय अनुशासन नहीं, बल्कि जनपद की समग्र छवि से जुड़ा मामला है।

शहर की यातायात व्यवस्था, नशे के खिलाफ कार्रवाई और साइबर अपराध पर लगाम लगाने के विषय में एसएसपी मिश्रा ने बेहद सख्त रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि संवेदनशील क्षेत्रों में गश्त और चीता मोबाइल की उपस्थिति बढ़ाई जाए ताकि आम जनता को सुरक्षा का सीधा एहसास हो सके। उन्होंने विशेष रूप से निर्देश दिए कि शराब पीकर वाहन चलाने वाले और नाबालिग चालकों के विरुद्ध तत्काल और कठोर कार्रवाई हो। इसके अतिरिक्त, एसएसपी ने अवैध मादक पदार्थों की तस्करी के विरुद्ध जिले में सघन अभियान चलाने के निर्देश देते हुए कहा कि नशे का कारोबार समाज की जड़ों को खोखला कर रहा है और इससे जुड़े अपराधियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने जनसामान्य को साइबर अपराधों से सतर्क करने के लिए जन-जागरूकता अभियानों को और अधिक व्यापक बनाने का भी आह्वान किया।

इसके साथ ही मणिकांत मिश्रा ने किरायेदारों, बाहरी व्यक्तियों और संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त लोगों का सत्यापन कराए जाने की अनिवार्यता को दोहराया। उन्होंने सभी थानों को स्पष्ट निर्देश दिए कि किसी भी संदिग्ध व्यक्ति की जानकारी बिना सत्यापन के दर्ज न हो। इसके अलावा, एनबीडब्ल्यू और नोटिसों की समयबद्ध तामीली, साइबर अपराध से जुड़ी शिकायतों पर तत्काल प्राथमिकी दर्ज करने और डिजिटल माध्यमों जैसे CCTNS व अन्य विभागीय पोर्टलों पर सौ प्रतिशत डेटा फीडिंग के निर्देश भी दिए गए।

इस गोष्ठी के माध्यम से यह संदेश बिल्कुल स्पष्ट हो गया कि एसएसपी मणिकांत मिश्रा केवल निर्देश देने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वह फील्ड की हकीकत और पुलिसकर्मियों की परेशानियों को भलीभांति समझते हैं। उनकी कार्यशैली में अनुशासन, मानवीयता और टेक्नोलॉजी का संतुलन स्पष्ट रूप से दिखता है। यह मासिक समीक्षा बैठक न केवल प्रशासनिक सुधार का माध्यम बनी, बल्कि जनपद में प्रभावी, संवेदनशील और जवाबदेह पुलिसिंग की नई परिभाषा भी गढ़ गई। आने वाले दिनों में इन निर्णयों का सकारात्मक असर जनपद की कानून व्यवस्था पर अवश्य दिखाई देगा।

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