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उमेश कुमार और चैंपियन के विवाद में राकेश टिकैत की सुलह प्रयास नाकाम

किसान नेता राकेश टिकैत ने उमेश और चैंपियन विवाद सुलझाने की पहल की, लेकिन चैंपियन ने उनकी मध्यस्थता पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की

हरिद्वार(सुरेन्द्र कुमार)। खानपुर विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार और बीजेपी के पूर्व विधायक प्रणव सिंह चौंपियन के बीच का विवाद थमता नहीं दिख रहा है। दोनों नेताओं के बीच इस समय जो खींचतान चल रही है, उसने क्षेत्र में राजनीति की नई परिभाषा गढ़ दी है। हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि अब भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत भी इस विवाद को सुलझाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन उनका प्रयास भी अब तक सफल नहीं हो सका है। राकेश टिकैत ने दोनों पक्षों के बीच सुलह के लिए मुलाकातें की थीं, लेकिन उनके प्रयासों का कोई सकारात्मक परिणाम देखने को नहीं मिला। यह विवाद इतना बढ़ चुका है कि अब यह केवल दोनों नेताओं के व्यक्तिगत मतभेद नहीं बल्कि राजनीति के बड़े खेल में बदलता जा रहा है। राकेश टिकैत के बयान और उनकी मध्यस्थता ने भी केवल आग में घी डालने का काम किया है, क्योंकि अब यह विवाद और गहरा हो गया है।

राकेश टिकैत ने रविवार को दोनों नेताओं से अलग-अलग मुलाकातें की थीं, एक तरफ विधायक उमेश कुमार से तो दूसरी ओर प्रणव सिंह चौंपियन की पत्नी देवयानी से। उनका उद्देश्य इस विवाद को खत्म कराना था, लेकिन प्रणव सिंह चौंपियन ने राकेश टिकैत की इस पहल पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने सोशल मीडिया पर राकेश टिकैत के खिलाफ एक पोस्ट डाली, जिसमें राकेश टिकैत को कठघरे में खड़ा किया गया। पोस्ट में प्रणव सिंह चौंपियन ने यह सवाल उठाया कि राकेश टिकैत ने आंखें बंद करके एकतरफा बयान कैसे दे दिया और दोषी के पक्ष में खड़े हो गए। चौंपियन ने यह भी आरोप लगाया कि राकेश टिकैत ने अपने पुराने संबंधों को नजरअंदाज करते हुए एक झूठे की बातों को तवज्जो दी। चौंपियन ने राकेश टिकैत को अपनी नसीहत देते हुए कहा कि उनका नाम किसानों और मजदूरों के हक में संघर्ष करने के लिए जाना जाता है, लेकिन इस समय वो अपराधी और चोर की तरफ क्यों खड़े हैं? उन्होंने राकेश टिकैत से यह भी सवाल किया कि क्या वे खुद ही अब लोकप्रियता के लिए इस विवाद में कूद रहे हैं?

प्रणव सिंह चौंपियन ने राकेश टिकैत को तगड़ी नसीहत देते हुए कहा कि वह किसी की स्वार्थी राजनीति का हिस्सा न बने और अपनी रोटी किसी और की आग में न सेंकें। चौंपियन ने राकेश टिकैत के इस कदम को पूरी तरह से खारिज कर दिया और उन्हें यह कहा कि इस विवाद से खुद को बाहर कर लें। चौंपियन का कहना था कि राकेश टिकैत को इस विवाद में दखल देने का कोई अधिकार नहीं था और इस मुद्दे में हस्तक्षेप करने की कोई जरूरत नहीं थी। उन्होंने राकेश टिकैत से यह भी कहा कि वह अपने पुराने संबंधों की बजाय इस मुद्दे पर चुप रहें, क्योंकि उनकी इस तटस्थता से विवाद और भी गहरा सकता है।

यह विवाद इतना बढ़ चुका है कि अब यह केवल व्यक्तिगत लड़ाई का मुद्दा नहीं बल्कि क्षेत्रीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण घटना बन चुका है। दरअसल, यह विवाद नगर निकाय चुनावों के बाद हुआ था, जब दोनों नेताओं के बीच सोशल मीडिया पर तीखी नोकझोंक शुरू हो गई थी। समय के साथ यह मामूली विवाद बढ़कर काफी गंभीर रूप धारण कर गया और दोनों पक्षों के समर्थकों के बीच बवाल मच गया। यह विवाद इतना बढ़ा कि 26 जनवरी को प्रणव सिंह चौंपियन अपने समर्थकों के साथ विधायक उमेश कुमार के कार्यालय पहुंचे और वहां फायरिंग की। इस गोलीबारी की घटना ने पूरे इलाके को हिला दिया और पुलिस को चौंपियन को गिरफ्तार करने के लिए मजबूर होना पड़ा। फिलहाल, चौंपियन देहरादून में जेल में बंद हैं।

वहीं, इस मामले में चौंपियन की पत्नी देवयानी ने विधायक उमेश कुमार पर आरोप लगाया था कि उन्होंने 25 जनवरी को उनके घर में घुसकर धमकी दी थी। हालांकि, उमेश कुमार को इस मामले में कोर्ट से जमानत मिल गई थी। इस घटना के बाद दोनों नेताओं के बीच समर्थन करने वाले लोग भी अलग-अलग राय रखने लगे हैं। इस मामले ने न केवल राजनीतिक क्षेत्र को झकझोर दिया है बल्कि क्षेत्रीय जनता के बीच भी गहरी नाराजगी और गुस्से का माहौल बना दिया है। फिलहाल, दोनों नेताओं के समर्थक एक दूसरे के खिलाफ उग्र हो चुके हैं और इस विवाद के समाधान की कोई ठोस उम्मीद नहीं दिखाई दे रही है। इस तरह, हरिद्वार जिले में खानपुर विधानसभा सीट का यह विवाद राजनीतिक उथल-पुथल का कारण बन चुका है। दोनों नेताओं के बीच की दरार अब इतनी गहरी हो गई है कि राकेश टिकैत जैसे नेताओं का हस्तक्षेप भी इसे सुलझाने में नाकाम साबित हो रहा है। यह विवाद अब केवल राजनीतिक मतभेदों का मुद्दा नहीं बल्कि व्यक्तिगत प्रतिष्ठा और स्वार्थ की लड़ाई बन चुका है, जिससे दोनों पक्षों के समर्थक भी अपने-अपने तरीके से इस झगड़े में हिस्सा ले रहे हैं।

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