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उद्यमिता विकास कार्यक्रम में युवाओं को आत्मनिर्भर बनने का मंत्र, रोजगार सृजन पर जोर

युवाओं के उज्जवल भविष्य के लिए उद्यमिता का पाठ, आत्मनिर्भर बनने की मिली प्रेरणा

रामनगर(एस पी न्यूज़)। । पीएनजी राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय रामनगर में आयोजित उद्यमिता विकास कार्यक्रम के पांचवें दिन छात्रों को आत्मनिर्भर बनने और उद्यमिता के महत्व को समझाने के लिए एक विशेष सत्र का आयोजन किया गया। इस अवसर पर काश्तकार विकास समिति की अध्यक्ष माया नेगी ने छात्रों को मानसिक रूप से मजबूत बनने और अपनी छिपी प्रतिभा को पहचानकर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि युवाओं को केवल नौकरी के पीछे नहीं भागना चाहिए, बल्कि खुद रोजगार सृजित करने की दिशा में भी प्रयास करना चाहिए। जैविक खेती को एक बड़े अवसर के रूप में प्रस्तुत करते हुए उन्होंने बताया कि कैसे यह न केवल पर्यावरण के लिए लाभकारी है बल्कि यह स्वरोजगार का भी एक प्रभावी माध्यम बन सकता है।

उन्होंने यह भी कहा कि एक नौकरीपेशा व्यक्ति केवल अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकता है, लेकिन एक उद्यमी कई लोगों के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध कराकर उनके परिवारों को भी आर्थिक रूप से सशक्त बना सकता है। उद्यमिता के लिए सकारात्मक सोच, आत्मविश्वास और कार्य को करने की मजबूत इच्छाशक्ति का होना बेहद जरूरी है। छात्रों को यह समझाया गया कि किसी भी व्यवसाय को सफलतापूर्वक संचालित करने के लिए बाजार की मांग को समझना आवश्यक होता है।

एफपीओ उपाध्यक्ष रेखा बधानी ने विद्यार्थियों को बिजनेस स्थापित करने से जुड़ी प्रक्रियाओं और आवश्यक दस्तावेजों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि व्यवसाय शुरू करने से पहले कौन-कौन सी औपचारिकताएँ पूरी करनी होती हैं और किन दस्तावेजों की आवश्यकता पड़ती है। उन्होंने एफएसएसआई (थ्ैै।प्) एवं एमएसएमई (डैडम्) जैसे लाइसेंस और प्रमाणपत्रों के महत्व पर प्रकाश डाला और बताया कि इन लाइसेंसों के बिना खाद्य और अन्य उत्पादों का व्यवसाय करना कानूनी रूप से मान्य नहीं होता। छात्रों को यह भी बताया गया कि सरकार द्वारा छोटे और मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएँ चलाई जा रही हैं, जिनका लाभ उठाकर वे अपना स्वयं का उद्यम शुरू कर सकते हैं।

कार्यक्रम का संचालन नोडल अधिकारी प्रो. जगमोहन सिंह नेगी द्वारा किया गया, जिन्होंने छात्रों को उद्यमिता के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराया। उन्होंने छात्रों से कहा कि वर्तमान समय में रोजगार की संभावनाएँ बढ़ाने के लिए नवाचार और उद्यमशीलता बेहद महत्वपूर्ण हैं। अगर युवा अपनी सोच को सकारात्मक दिशा में केंद्रित करें और अपनी क्षमता को पहचानें, तो वे केवल नौकरी ढूंढने वालों में नहीं बल्कि रोजगार देने वालों में शामिल हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा संचालित विभिन्न स्टार्टअप योजनाओं का लाभ लेकर युवा अपने खुद के व्यवसाय को आगे बढ़ा सकते हैं।

इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. एम. सी. पाण्डे ने भी छात्रों को संबोधित किया और उन्हें उद्यमिता के फायदों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि किसी भी क्षेत्र में सफल होने के लिए मेहनत, लगन और दूरदर्शिता की आवश्यकता होती है। छात्रों को यह सलाह दी गई कि वे खुद को केवल नौकरी तक सीमित न रखें, बल्कि अपनी रचनात्मकता और नवाचार को भी बढ़ावा दें। उन्होंने कहा कि देश की आर्थिक प्रगति में युवाओं की भागीदारी बेहद आवश्यक है और इसके लिए उन्हें अपनी शिक्षा का सही दिशा में उपयोग करना होगा।

कार्यक्रम में डॉ. अनुराग श्रीवास्तव, डॉ. जेपी त्यागी, डॉ. दीपक खाती, डॉ. नवभा जोशी, दीपक सिंह सहित महाविद्यालय के अनेक शिक्षक एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे। सभी छात्रों ने इस सत्र को बहुत ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायक बताया और यह संकल्प लिया कि वे अपने अंदर की क्षमता को पहचानकर भविष्य में स्वरोजगार की दिशा में भी प्रयास करेंगे।

इस कार्यक्रम के माध्यम से विद्यार्थियों को यह संदेश दिया गया कि उद्यमिता केवल व्यवसाय करने की प्रक्रिया नहीं, बल्कि समाज के आर्थिक उत्थान में योगदान देने का एक महत्वपूर्ण साधन है। यदि युवा अपने हुनर और शिक्षा का सही उपयोग करें, तो वे अपने साथ-साथ समाज और देश को भी प्रगति की राह पर ले जा सकते हैं।

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