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उत्तराखंड में कैबिनेट विस्तार की उलटी गिनती शुरू, नवरात्रों में धामी सरकार लेगी बड़ा फैसला!

धामी सरकार का बड़ा दांव! कैबिनेट विस्तार से बदलेगा उत्तराखंड का सियासी गणित, नवरात्रों में नए मंत्रियों को मिलेगा ताज, बीजेपी कार्यकर्ताओं में जबरदस्त जोश

देहरादून(सुरेन्द्र कुमार)।उत्तराखंड में लंबे समय से कैबिनेट विस्तार को लेकर चल रही अटकलों पर अब विराम लगने वाला है। माना जा रहा है कि अप्रैल के पहले हफ्ते में, नवरात्रों के शुभ अवसर पर, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपनी सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकते हैं। इस महत्वपूर्ण फैसले के तहत न केवल खाली पड़े पांच मंत्री पदों को भरा जाएगा, बल्कि पार्टी संगठन के कुछ वरिष्ठ और कद्दावर नेताओं को भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी जाएंगी। बीजेपी लंबे समय से कैबिनेट विस्तार की तैयारियों में जुटी थी और अब इस पर अंतिम मुहर लग चुकी है। केंद्र और प्रदेश स्तर पर नामों की सूची तय कर ली गई है। इस विस्तार से पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह है और सरकार के कामकाज को भी नई गति मिलने की उम्मीद है।

उत्तराखंड में कैबिनेट विस्तार की चर्चा पिछले कई महीनों से जोरों पर थी। हाल ही में, प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने भी इशारा दिया था कि कैबिनेट विस्तार कभी भी हो सकता है। अब बीजेपी के प्रदेश महामंत्री राजेंद्र सिंह बिष्ट ने पुष्टि कर दी है कि इस मसले पर केंद्र और प्रदेश के नेताओं के बीच कई दौर की बैठकें हो चुकी हैं। मंत्रियों और दायित्वधारियों की सूची भी पूरी तरह फाइनल हो चुकी है। बिष्ट के अनुसार, संगठन, मुख्यमंत्री और केंद्र के स्तर पर नामों को अंतिम रूप दे दिया गया है और अप्रैल के पहले या दूसरे हफ्ते में कैबिनेट विस्तार तय माना जा रहा है। इस विस्तार के जरिए बीजेपी उन समर्पित कार्यकर्ताओं को सम्मान देने जा रही है, जिन्होंने वर्षों से पार्टी की सेवा की है।

धामी सरकार में प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे के बाद मंत्रियों के पांच पद रिक्त हो गए हैं। इससे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर विभागों का अतिरिक्त भार बढ़ गया है। वर्तमान में, कई महत्वपूर्ण मंत्रालय खुद मुख्यमंत्री देख रहे हैं, जिससे प्रशासनिक कार्यों पर अतिरिक्त दबाव पड़ रहा है। अब कैबिनेट विस्तार से इस बोझ को हल्का करने की तैयारी है। बीजेपी का फोकस इस बार उन नेताओं पर है, जिन्होंने पार्टी की मजबूती के लिए लगातार काम किया है। संगठन से जुड़े कई पुराने नाम मंत्रिमंडल में शामिल किए जा सकते हैं। वहीं, जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों को भी साधने की पूरी कोशिश होगी।

सूत्रों की मानें तो इस बार पार्टी महिला और युवा चेहरों को भी मंत्रिमंडल में जगह दे सकती है, जिससे प्रदेश में नए नेतृत्व को मजबूती मिलेगी। इसके अलावा, क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखने के लिए गढ़वाल और कुमाऊं दोनों क्षेत्रों के नेताओं को समान रूप से प्रतिनिधित्व दिया जाएगा। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह कैबिनेट विस्तार सिर्फ प्रशासनिक जरूरत नहीं, बल्कि 2027 के विधानसभा चुनावों की रणनीति का भी हिस्सा है। बीजेपी, आगामी चुनावों के मद्देनजर अपनी जमीनी पकड़ मजबूत करने के लिए अनुभवी और भरोसेमंद नेताओं को आगे लाना चाहती है।

कैबिनेट विस्तार की खबरों से बीजेपी कार्यकर्ताओं में जबरदस्त उत्साह है। पार्टी के कई पुराने कार्यकर्ता उम्मीद लगाए बैठे हैं कि उन्हें संगठन में अहम भूमिका मिलेगी। प्रदेश बीजेपी का भी मानना है कि यह विस्तार पार्टी की मजबूती और संगठनात्मक संतुलन बनाए रखने के लिए जरूरी है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि धामी सरकार कैबिनेट विस्तार के लिए नवरात्रों को चुन सकती है। भारतीय राजनीति में शुभ मुहूर्त का विशेष महत्व होता है और सरकार इस मौके को जनता के बीच सकारात्मक संदेश देने के लिए भुनाना चाहती है। अब देखना यह होगा कि इस विस्तार में किन नए चेहरों को जगह मिलती है और धामी सरकार का यह कदम प्रदेश की राजनीति को किस दिशा में ले जाता है।

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