रामनगर(एस पी न्यूज़)। उत्तराखंड सरकार का आगामी बजट सत्र राज्य के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर साबित होने जा रहा है। यह सत्र सरकार की योजनाओं और प्राथमिकताओं को स्पष्ट करेगा। माना जा रहा है कि इस बजट में शिक्षा, खेल, ग्रामीण विकास, इंडस्ट्री और महिला एवं बाल विकास विभाग को विशेष तवज्जो दी जाएगी। बजट को लेकर सरकार काफी समय से तैयारियों में जुटी हुई है और इस बार कुछ नए प्रावधानों के साथ इसे पेश किया जाएगा। यह बजट राज्य के आर्थिक विकास को गति देने और विभिन्न क्षेत्रों में सुधार लाने के उद्देश्य से बनाया जा रहा है। सरकार इस बजट को लेकर अपनी विशेष रणनीति तैयार कर चुकी है, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों के विकास से लेकर उद्योगों के विस्तार तक पर ध्यान दिया गया है। यही नहीं, इस बार के बजट में महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी बड़े कदम उठाने की उम्मीद की जा रही है।
राज्य सरकार ने बजट तैयार करने से पहले व्यापक स्तर पर सुझाव मांगे थे, ताकि जनता की वास्तविक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए योजनाएं बनाई जा सकें। वित्त सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि बजट की तैयारियां दिसंबर से ही शुरू कर दी गई थीं, जिसमें सभी विभागों से उनके प्रस्ताव लिए गए थे। इन प्रस्तावों के आधार पर बजट का मसौदा तैयार किया गया है। इस बार बजट को केंद्र सरकार के बजट के अनुरूप रखा गया है, जिसमें किसानों, महिलाओं और युवाओं के लिए विशेष प्रावधान किए जाने की संभावना है। इसके अलावा, उत्तराखंड के रजत जयंती वर्ष को ध्यान में रखते हुए इस बजट को खास रूप से तैयार किया गया है, ताकि राज्य के विकास को नई दिशा दी जा सके।
बजट सत्र के दौरान कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की जाएंगी, जिनमें शिक्षा और खेल को विशेष महत्व मिलने की संभावना है। पिछले बजट में सरकार ने शिक्षा और खेल क्षेत्र के लिए 12ः की वृद्धि करते हुए 11,700 करोड़ रुपये से अधिक का प्रावधान किया था। इस बार भी इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए अतिरिक्त बजट आवंटित किया जा सकता है। युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए नई योजनाओं को शामिल किया जाएगा। खासकर कृषि और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय सहायता का प्रावधान किया जा सकता है। इससे न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी, बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी खुलेंगे।
महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में भी इस बार सरकार कुछ अहम कदम उठा सकती है। पिछले साल महिला सशक्तिकरण के लिए 500 करोड़ रुपये से अधिक का प्रावधान किया गया था, जिसमें नंदा गौरा योजना और सीएम महालक्ष्मी योजना जैसी प्रमुख योजनाओं को शामिल किया गया था। इस बार भी महिलाओं के लिए नई योजनाओं की शुरुआत और मौजूदा योजनाओं के विस्तार पर ध्यान दिया जाएगा। महिलाओं के रोजगार और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जा सकती है। इसके अलावा, बाल विकास योजनाओं में भी महत्वपूर्ण बदलाव किए जाने की संभावना है, जिससे बच्चों के पोषण और शिक्षा में सुधार हो सके।
इस बार का बजट उत्तराखंड के आर्थिक विकास को गति देने वाला साबित हो सकता है। सरकार ग्रामीण विकास को प्राथमिकता देने के साथ-साथ शहरी क्षेत्रों में भी आधारभूत संरचनाओं को मजबूत करने की दिशा में काम करेगी। उद्योगों के विस्तार के लिए विशेष पैकेज लाने की संभावना है, जिससे राज्य में निवेश को बढ़ावा मिलेगा और नए रोजगार के अवसर सृजित होंगे। इसके अलावा, राज्य में चल रही विभिन्न विकास योजनाओं के लिए भी बजट में वृद्धि की जा सकती है।
उत्तराखंड सरकार इस बार पेपरलेस बजट सत्र शुरू करने जा रही है, जिससे विधानसभा की कार्यवाही को डिजिटल रूप दिया जाएगा। इसके लिए विधानसभा सचिवालय ने पहले से ही तैयारियां कर ली हैं। विधायकों ने भी अपने सवाल विधानसभा सचिवालय को भेज दिए हैं, जिनकी संख्या अब तक 512 तक पहुंच चुकी है। यह दर्शाता है कि बजट सत्र में गंभीर चर्चाएं और महत्वपूर्ण फैसले लिए जाएंगे।
पिछले बजट में राज्य सरकार ने 89 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया था, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 15ः अधिक था। इस साल भी सरकार के इसी वृद्धि दर को बनाए रखने की संभावना है। विभिन्न क्षेत्रों में बजट आवंटन को संतुलित करने के साथ-साथ सरकार उन योजनाओं पर भी फोकस करेगी, जिनका सीधा प्रभाव राज्य की जनता पर पड़ेगा। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों के लिए विशेष योजनाएं लाई जा सकती हैं, जिससे वहां के लोगों को बेहतर बुनियादी सुविधाएं मिल सकें।
कुल मिलाकर, उत्तराखंड सरकार का यह बजट शिक्षा, खेल, महिला सशक्तिकरण, ग्रामीण विकास और इंडस्ट्री पर केंद्रित रहेगा। सरकार की कोशिश रहेगी कि युवाओं को रोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराए जाएं और महिलाओं के लिए स्वरोजगार के नए रास्ते खोले जाएं। इस बजट के जरिए सरकार राज्य के विकास को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का लक्ष्य लेकर चल रही है। जनता की अपेक्षाओं को ध्यान में रखते हुए बनाई गई यह बजट योजना उत्तराखंड के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए मील का पत्थर साबित हो सकती है।