रामनगर। आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों के लिए एक राहत भरी खबर सामने आई है जिसने तमाम करदाताओं के चेहरों पर सुकून की लहर दौड़ा दी है। दरअसल, वित्त वर्ष 2024-25 एवं असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न की अंतिम तिथि, जो पहले 31 जुलाई 2025 तय की गई थी, अब केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) द्वारा डेढ़ महीने आगे बढ़ा दी गई है। अब करदाता 15 सितंबर 2025 तक अपना आयकर रिटर्न बिना लेट फीस के फाइल कर सकेंगे। यह जानकारी रामनगर टैक्स बार एसोसिएशन के उपसचिव मनु अग्रवाल द्वारा साझा की गई, जिनके मुताबिक यह निर्णय टैक्स प्रणाली को और अधिक सुविधाजनक बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। उन्होंने बताया कि यह बदलाव न केवल टैक्सपेयर्स को अधिक समय देगा, बल्कि सही और सटीक फाइलिंग सुनिश्चित करेगा। इस परिवर्तन से देशभर के टैक्स प्रोफेशनल्स को राहत मिली है और डिजिटल सिस्टम के अनुकूलन के लिए यह समय बेहद जरूरी था।

संगठन के अध्यक्ष पूरन पाण्डेय जी ने बताया कि सीबीडीटी ने टैक्स रिटर्न के फॉर्म्स में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं जिससे पूरे सिस्टम को दोबारा अपडेट करने की आवश्यकता उत्पन्न हुई। तकनीकी दृष्टि से देखें तो टैक्सपेयर्स की ओर से TDS रिफ्लेक्शन और एक्सटेंडेड ITR फॉर्म की प्रक्रिया को बेहतर और अधिक सटीक बनाने हेतु यह निर्णय लिया गया है। पूरन पाण्डेय जी ने कहा कि इन बदलावों से आयकर रिटर्न दाखिल करने में उत्पन्न होने वाली जटिलताओं को कम किया जा सकेगा और करदाता बिना किसी दबाव के अपनी फाइलिंग कर पाएंगे। उन्होंने यह भी बताया कि अंतिम तिथि में विस्तार की मांग को लेकर रामनगर टैक्स बार एसोसिएशन की ओर से पूर्व में वित्त मंत्रालय को एक ज्ञापन भी प्रेषित किया गया था जिसमें इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया गया था। यह मांग अब साकार रूप ले चुकी है जिससे पूरे क्षेत्र के टैक्स अधिवक्ताओं में उत्साह है।

आयकर रिटर्न की तिथि बढ़ने से उन लाखों वेतनभोगी कर्मचारियों को सीधी राहत मिलेगी जो अपनी व्यस्त दिनचर्या के कारण समय पर रिटर्न फाइल नहीं कर पाते थे। उन्हें अब 46 अतिरिक्त दिन मिलेंगे जिससे वे अपने रिटर्न को सही प्रकार से तैयार कर जमा कर सकेंगे। आमतौर पर ऐसे करदाता जिनके खातों का ऑडिट नहीं होता, वे 31 जुलाई तक रिटर्न फाइल करते हैं और अगर निर्धारित समयसीमा तक ऐसा न हो सके तो 5,000 रुपये तक का जुर्माना चुकाना पड़ता है। ऐसे में यह निर्णय उनके लिए न केवल राहत देने वाला है बल्कि प्रशासनिक समझदारी का परिचायक भी है। सीबीडीटी की ओर से यह भी स्पष्ट किया गया है कि इस संबंध में औपचारिक अधिसूचना बाद में जारी की जाएगी, जिससे संबंधित पक्षों को समय रहते सभी प्रक्रियाएं पूर्ण करने में सुविधा होगी।
इस निर्णय का स्वागत न केवल टैक्सपेयर्स ने किया है बल्कि रामनगर के प्रमुख टैक्स अधिवक्ताओं ने भी इसे दूरदर्शी और प्रशंसनीय कदम बताया है। अध्यक्ष पूरन पाण्डेय, मनु अग्रवाल, गौरव गोला, नावेद सैफी, गुलरेज़ रज़ा, सागर भट्ट, विशाल रस्तोगी, प्रबल बंसल, फैजुल हक़, संजीव अग्रवाल, मनोज अग्रवाल, राकेश राही, भोपाल रावत, मोहम्मद फ़िरोज़, रोहित माहेश्वरी, जीशान मलिक, मनोज बिष्ट, लाइक अहमद, आयुष अग्रवाल, बालम सिंह राणा, शोभित अग्रवाल, बलविंदर कोहली जैसे कई प्रमुख अधिवक्ताओं ने इस कदम को करदाताओं के पक्ष में उठाया गया सार्थक निर्णय बताया है। उनका मानना है कि इससे न केवल रिटर्न फाइलिंग का प्रतिशत बढ़ेगा, बल्कि टेक्नोलॉजी और कानून के समन्वय से एक पारदर्शी और न्यायपूर्ण टैक्स सिस्टम की नींव और मजबूत होगी। रामनगर टैक्स बार की सक्रियता और सरकार की संवेदनशीलता का यह तालमेल भविष्य में और अधिक सशक्त नीति निर्माण की ओर इशारा करता है।