रामनगर(एस पी न्यूज)। पीएनजी राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में आयोजित देवभूमि उद्यमिता विकास कार्यक्रम के तीसरे दिन इको पर्यटन पर विशेष सत्र आयोजित किया गया। इस सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में प्रो. जगमोहन सिंह नेगी, देवभूमि उद्यमिता योजना के नोडल अधिकारी, और डॉ. जेपी त्यागी ने प्रोडक्ट क्वालिटी और ब्रांडिंग के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने केस स्टडीज और उदाहरणों के माध्यम से विद्यार्थियों को उद्यमिता के क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के विभिन्न पहलुओं को समझाया। खासतौर पर उन्होंने उत्पाद की गुणवत्ता को सर्वाेत्तम बनाए रखने और ब्रांड को मजबूती देने के उपायों पर विस्तार से चर्चा की। इसके अलावा, दोनों विशेषज्ञों ने यह भी बताया कि कैसे एक सफल उद्यमिता कार्यक्रम के अंतर्गत उत्पादों की पहचान और उनकी मार्केटिंग रणनीतियाँ व्यवसायिक सफलता के लिए महत्वपूर्ण होती हैं।
इस सत्र में, मास्टर ट्रेनर मोहन चंद्र पांडे ने भी अपनी बात रखी। वह सचिव, नेचर गाइड कॉर्बेट ग्राम विकास समिति, छोटी हल्द्वानी, कालाढूंगी, हैं। उन्होंने अपने व्याख्यान में इको पर्यटन के महत्व को उजागर किया और बताया कि किस प्रकार पर्यटन उद्योग के जरिए हम पर्यावरण संरक्षण के साथ रोजगार के अवसर भी उत्पन्न कर सकते हैं। मोहन चंद्र पांडे ने यह स्पष्ट किया कि उत्तराखंड के कॉर्बेट क्षेत्र में इको पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए वन विभाग द्वारा एक अभिनव प्रयास किया गया है। 2011 में शुरू किए गए इस इको पर्यटन कार्यक्रम के तहत, छोटी हल्द्वानी को पहले इको पर्यटन गांव के रूप में चुना गया था। पांडे जी ने इस पहल के प्रभावी परिणामों की जानकारी दी और बताया कि इस कार्यक्रम के चलते कई परिवारों को सीधे रोजगार प्राप्त हो रहा है। उन्होंने विद्यार्थियों को यह समझाया कि पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना रोजगार के अवसरों का निर्माण कैसे किया जा सकता है और कैसे इको पर्यटन की दिशा में काम करके स्थानीय समुदायों के लिए लाभकारी परिणाम उत्पन्न किए जा सकते हैं।

साथ ही, उन्होंने अपनी समिति द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों की जानकारी दी। पांडे जी ने बताया कि वर्तमान में उनके पास 38 नेचर गाइड काम कर रहे हैं और 15 परिवार होमस्टे चला रहे हैं। इसके अलावा, 40 परिवार ऐसे हैं जो सोविनियर उत्पादन से अपनी आजीविका चला रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि इको पर्यटन के क्षेत्र में काम करने वाले इन परिवारों को न केवल स्थिर आय प्राप्त हो रही है, बल्कि वे पर्यावरण संरक्षण के महत्व को भी समझते हुए अपनी गतिविधियों में सक्रिय रूप से योगदान दे रहे हैं। इस जानकारी को विद्यार्थियों के साथ साझा करने के लिए पांडे जी ने एक प्रभावी पावरप्वाइंट प्रेजेंटेशन का सहारा लिया, जिससे विद्यार्थियों को इको पर्यटन के विभिन्न पहलुओं को गहरे से समझने का अवसर मिला।
इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रभारी प्राचार्य प्रो. एस एस मौर्या ने की। उन्होंने विद्यार्थियों को उद्यमिता के महत्व के बारे में बताया और उन्हें प्रोत्साहित किया कि वे इस कार्यक्रम से प्राप्त ज्ञान का उपयोग अपने जीवन में करें। कार्यक्रम में उपस्थित अन्य गणमान्य व्यक्तियों में डॉ. नरेश कुमार, डॉ. दीपक खाती, डॉ. सुभाष पोखरियाल, डॉ. सुरेश चन्द्रा और डॉ. डी.एन. जोशी ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। उन्होंने इको पर्यटन और उद्यमिता से जुड़े विषयों पर विचार साझा किए और विद्यार्थियों के सामने भविष्य के अवसरों के बारे में विस्तार से बताया। इस आयोजन में महाविद्यालय के विभिन्न विभागों के छात्र-छात्राएं भी शामिल हुए। कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों को उद्यमिता के क्षेत्र में सक्रिय रूप से कदम रखने के लिए प्रेरित करना और उन्हें एक बेहतर भविष्य की दिशा में मार्गदर्शन प्रदान करना था।
इस आयोजन के जरिए विद्यार्थियों को एक नए दृष्टिकोण से विचार करने का अवसर मिला। इको पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार के नए अवसरों को समझते हुए उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के महत्व को भी समझा। यह कार्यक्रम न केवल युवाओं को उद्यमिता की दिशा में सोचने के लिए प्रेरित करता है, बल्कि यह उन्हें अपने आसपास के पर्यावरण और समुदायों को बेहतर बनाने के लिए भी जागरूक करता है। महाविद्यालय द्वारा आयोजित इस तरह के कार्यक्रमों से विद्यार्थियों को न केवल शैक्षिक ज्ञान मिलता है, बल्कि वे अपने जीवन को एक उद्देश्यपूर्ण और सृजनात्मक दिशा में आगे बढ़ा सकते हैं।