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अहिल्याबाई की 300वीं जयंती पर भाजपा ने दिखाया नारी शक्ति और संस्कृति का संगम

काशीपुर में भाजपा संगोष्ठी में नेताओं ने अहिल्याबाई होल्कर के आदर्शों को बताया वर्तमान राजनीति और महिला नेतृत्व के लिए प्रेरणास्रोत।

काशीपुर। खड़कपुर के एक निजी बैन्क्वेट हॉल में जैसे ही भारत की वीरांगना अहिल्याबाई होल्कर जी की 300वीं जन्म जयंती पर आयोजित संगोष्ठी आरंभ हुई, चारों ओर एक पवित्र और सांस्कृतिक उत्सव का वातावरण बन गया। भारतीय संस्कृति की महान विरासत और नारी सशक्तिकरण की प्रतीक रही अहिल्याबाई होल्कर को समर्पित इस कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी, काशीपुर द्वारा जिस गरिमा के साथ आयोजन किया गया, उसने उपस्थित जनसमूह को एक अनूठे भावात्मक अनुभव से भर दिया। कार्यक्रम के दौरान जैसे ही भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं उत्तराखंड की प्रदेश सह प्रभारी रेखा वर्मा ने मंच से अपने विचार साझा किए, सभागार तालियों की गूंज से गूंज उठा। उन्होंने अपने भाषण में नारी शक्ति की क्षमता को रेखांकित करते हुए कहा कि जब महिलाओं को सही दिशा और समर्थन मिलता है, तो वे समाज की दिशा और दशा बदलने में सक्षम होती हैं। उनका यह भावनात्मक वक्तव्य श्रोताओं को गहराई तक छू गया और कार्यक्रम की आत्मा को जीवंत कर गया।

कार्यक्रम में उपस्थित हर व्यक्ति को तब और अधिक ऊर्जा मिली जब भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय मंत्री स्वराज विद्वान ने मंच से अपने प्रभावशाली उद्बोधन में कहा कि अहिल्याबाई होल्कर का जीवन केवल अतीत की एक कथा नहीं, बल्कि वर्तमान और भविष्य की प्रेरणा है। उन्होंने अपने वक्तव्य में बताया कि होल्कर रियासत की इस महान शासिका ने शासन के हर पहलू में न्याय, सहिष्णुता और सामाजिक समरसता को सर्वाेच्च प्राथमिकता दी, जिससे समाज को एक नई दिशा मिली। स्वराज विद्वान ने इस बात पर भी बल दिया कि महिलाओं को समाज के नेतृत्व में लाने से संपूर्ण राष्ट्र का विकास संभव हो सकता है। राष्ट्रीय सेविका समिति विभाग की संपर्क प्रमुख सविता चौधरी ने भी मंच को सारगर्भित विचारों से ओतप्रोत कर दिया। उन्होंने परंपरा, संस्कृति और इतिहास की उस गहराई को सामने रखा जिसे आज के युवाओं को आत्मसात करना चाहिए, ताकि वे न केवल इतिहास से प्रेरित हों, बल्कि समाज के प्रति अपने उत्तरदायित्व को भी समझें।

कार्यक्रम में जब उत्तराखंड सरकार के राज्य मंत्री ज्योति प्रसाद गैरोला ने विचार व्यक्त किए, तो उन्होंने समाज के सतत विकास और मूल्यों की बात की। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार अहिल्याबाई होल्कर ने सामाजिक सुधारों और लोककल्याण की नीतियों को अपने शासन की रीढ़ बनाया, उसी प्रकार आज के समाज में भी संस्कृति और सेवा को प्राथमिकता देना आवश्यक है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि हमारे देश की आत्मा हमारे संस्कारों में बसती है और हमें अहिल्याबाई जैसी विभूतियों की स्मृति से प्रेरणा लेकर अगली पीढ़ी को उनके आदर्शों से जोड़ना चाहिए। मनोज पाल, जो कि इस कार्यक्रम में भाजपा के जिला अध्यक्ष की भूमिका निभा रहे थे, ने संगठनात्मक समन्वय और सामाजिक संवाद पर जोर देते हुए कहा कि ऐसे आयोजनों के माध्यम से ही हम जनता के बीच अपनी सांस्कृतिक जिम्मेदारियों को साझा कर सकते हैं।

भाजपा के जिला प्रभारी पुष्कर काला ने अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि गौरवशाली इतिहास को जीवंत बनाए रखना आत्मबल को कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जिस प्रकार अहिल्याबाई होल्कर ने शासन को जनकल्याण का माध्यम बनाया, उसी प्रकार आज के जनप्रतिनिधियों को भी लोकहित को सर्वाेच्च प्राथमिकता देनी चाहिए। वहीं, पीसीयू चेयरमेन राम मेहरोत्रा ने कहा कि यह आयोजन केवल एक श्रद्धांजलि नहीं, बल्कि सांस्कृतिक उत्तरदायित्व का एक जीवंत रूप है, जिसे समाज को निरंतर निभाना चाहिए। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि युवाओं को ऐसे आयोजनों से जोड़ने से उनमें चरित्र निर्माण और राष्ट्र सेवा की भावना विकसित होती है, जो भविष्य के लिए अत्यंत आवश्यक है।

काशीपुर नगर निगम के मेयर दीपक बाली ने अपने विस्तृत विचार रखते हुए कहा कि भारत की महान विभूतियों का स्मरण मात्र ही नहीं, बल्कि उनके आदर्शों को जीवन में उतारना समय की मांग है। उन्होंने कहा कि अहिल्याबाई होल्कर जैसी प्रेरणादायी शख्सियतों ने अपने कार्यों से यह सिद्ध कर दिया था कि जब नेतृत्व सच्चे जनसेवा भाव से प्रेरित होता है, तब समाज में समरसता, विकास और नैतिकता की स्थापना होती है। दीपक बाली ने जोर देते हुए कहा कि आज के युवा वर्ग को चाहिए कि वे अपने इतिहास को केवल किताबों में न पढ़ें, बल्कि उन व्यक्तित्वों से प्रेरणा लेकर समाज सेवा और राष्ट्र निर्माण के कार्यों में आगे आएं। उन्होंने यह भी जोड़ा कि काशीपुर जैसे शहरों में इस प्रकार के आयोजनों से सांस्कृतिक चेतना और सामाजिक जागरूकता को बढ़ावा मिलता है, जिससे नगर का समग्र विकास संभव होता है।

जब कार्यक्रम के समापन की ओर बढ़ा और मीडिया से बातचीत में रेखा वर्मा ने अपनी बात रखी, तो उनके आत्मविश्वास और ओजपूर्ण भाषा ने श्रोताओं में एक नई ऊर्जा का संचार किया। उन्होंने कहा कि यह संगोष्ठी केवल एक स्मृति नहीं, बल्कि हमारे गौरवशाली अतीत और सांस्कृतिक पहचान को नया जीवन देने का प्रयास है। उन्होंने यह भी दोहराया कि भारतीय जनता पार्टी महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और इस दिशा में हर कदम पर काम कर रही है। रेखा वर्मा ने स्पष्ट किया कि इतिहास से जुड़े ऐसे आयोजनों से युवा पीढ़ी को राष्ट्रीय गौरव और नेतृत्व की भावना से जोड़ने का अवसर मिलता है, जो समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में एक निर्णायक कदम है।

इस उत्सवमय आयोजन में भाजपा नेता आशीष गुप्ता, पूर्व मेयर उषा चौधरी, कार्यक्रम संयोजक उमा जोशी और विनीत चौधरी की उपस्थिति ने कार्यक्रम को और भी जीवंत बना दिया। सभी ने मंच से अहिल्याबाई होल्कर के जीवन से जुड़ी प्रेरणादायक घटनाओं का उल्लेख करते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित किए और यह संदेश दिया कि जब हम अपने अतीत से जुड़ते हैं तभी हम भविष्य को सशक्त बना सकते हैं। जैसे ही कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान और जोरदार जयघोष के साथ हुआ, पूरा हॉल देशभक्ति और सांस्कृतिक गरिमा से भर गया। यह आयोजन न केवल श्रद्धांजलि था, बल्कि भारतीय जनता पार्टी की सामाजिक और सांस्कृतिक चेतना का एक शानदार और प्रेरणास्पद उदाहरण बनकर सामने आया, जो आने वाले समय में जनमानस की स्मृति में एक अमिट छाप छोड़ गया।

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