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अवैध मजार को प्रशासन ने बुलडोजर से ढहाया, मुख्यमंत्री के कड़े आदेश पर कार्रवाई

रामनगर(एस पी न्यूज़)। नैनीताल जिले के रामनगर क्षेत्र में काशीपुर नेशनल हाईवे-309 पर एक अवैध मजार को प्रशासन ने ताश की पत्तियों की तरह गिरा दिया। यह कार्रवाई मंगलवार 14 जनवरी को सुबह के वक्त की गई, जब प्रशासन और पुलिस बल की एक संयुक्त टीम ने पिरूमदारा के हिम्मतपुर ब्लॉक में स्थित अवैध मजार को बुलडोजर से तोड़ दिया। यह कदम तब उठाया गया जब मजार को हटाने के लिए पहले भी नोटिस जारी किया गया था, लेकिन बावजूद इसके इसे नहीं हटाया गया था। इस कार्रवाई को लेकर रामनगर के एसडीएम राहुल शाह ने पूरी जानकारी दी और स्पष्ट किया कि एनएच विभाग की ओर से कई बार नोटिस जारी किया गया था, लेकिन मजार का हटाया जाना टलता रहा। इस कार्रवाई ने एक बार फिर यह संदेश दिया है कि राज्य में धर्म के नाम पर किसी भी प्रकार के अवैध निर्माण या अतिक्रमण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

इस कार्रवाई के बाद प्रशासन ने सुनिश्चित किया कि माहौल पूरी तरह से शांतिपूर्ण रहे। इसके लिए पहले से ही पुलिस बल तैनात किया गया था, ताकि किसी भी प्रकार की अव्यवस्था से बचा जा सके। एसडीएम राहुल शाह ने बताया कि उच्चाधिकारियों के आदेश पर यह कदम उठाया गया और मजार को तोड़ने की कार्रवाई का निर्णय लिया गया। इस प्रक्रिया में कोई भी अप्रिय स्थिति उत्पन्न न हो, इसके लिए प्रशासन द्वारा पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम किए गए थे। स्थानीय लोगों ने भी प्रशासन के इस कदम का समर्थन किया और माना कि यह कदम कानून और व्यवस्था के हित में है। हालांकि, इस कदम से जुड़ी प्रतिक्रियाएं अभी भी सामने आ रही हैं, लेकिन यह स्पष्ट है कि राज्य सरकार अवैध धार्मिक संरचनाओं के खिलाफ अपनी कड़ी कार्रवाई जारी रखेगी।

इसके पहले भी, रामनगर के निकट स्थित रिंगोडा गांव में नेशनल हाईवे-309 पर बनी एक अन्य अवैध मजार को भी तोड़ा गया था। यह कार्रवाई मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के स्पष्ट आदेशों के बाद की जा रही है, जिन्होंने साफ कहा है कि उत्तराखंड में धर्म के नाम पर सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे या अतिक्रमण को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री के आदेशों के तहत राज्य भर में अवैध धार्मिक संरचनाओं के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। यह अभियान यह सुनिश्चित करने के लिए है कि सरकारी भूमि पर किसी भी प्रकार का अनधिकृत कब्जा न हो और सभी प्रकार के निर्माण कानून और व्यवस्था के अनुरूप हों। राज्य सरकार के इस कदम को बड़े पैमाने पर समर्थन मिल रहा है, खासकर उन नागरिकों से जो मानते हैं कि अवैध कब्जों के खिलाफ इस प्रकार की कार्रवाई महत्वपूर्ण है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में यह कदम एक बड़े राजनीतिक संदेश के रूप में उभरा है। अवैध धार्मिक संरचनाओं पर कार्रवाई करके सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि धर्म और विश्वास को सर्वाेच्च प्राथमिकता दी जाए, लेकिन किसी भी प्रकार के कानून उल्लंघन को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा। इस कार्रवाई ने यह भी संकेत दिया है कि राज्य सरकार की ओर से धार्मिक स्थलों पर अवैध निर्माण करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। यह कदम राज्य में धर्म, कानून और व्यवस्था के बीच संतुलन बनाए रखने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। उत्तराखंड में अब यह एक उदाहरण बन गया है, और इस प्रकार की कार्रवाइयों से यह प्रतीत हो रहा है कि राज्य में कानून का राज कायम रखने के लिए प्रशासन पूरी तरह से सख्त है।

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