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अवैध खनन पर डॉ. गणेश उपाध्याय का वार, बोले- सरकार माफियाओं की दलाल बन गई

डॉ. गणेश उपाध्याय ने सरकार पर लगाया गंभीर आरोप, बोले- अवैध खनन से देवभूमि की लूट जारी, बेरोजगार हो रहे युवा, मूकदर्शक बना प्रशासन

किच्छा। कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता डॉ. गणेश उपाध्याय ने प्रदेश सरकार पर कडा हमला कीते हुये कहा कि उत्तराखंड, जिसे देवभूमि के नाम से जाना जाता है, आज अवैध खनन और ओवरलोडेड ट्रकों की आवाजाही से त्रस्त है। यह केवल प्रदेश की सड़कों को नुकसान नहीं पहुँचा रहा, बल्कि स्थानीय पर्यावरण और जीवन सुरक्षा के लिए भी गंभीर खतरा बन चुका है। उन्होने कहा कि वर्षों से विपक्ष, विशेषकर कांग्रेस, इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाता रहा है, लेकिन सरकार इस पर मौन साधे बैठी है। अब, जब हरिद्वार के सांसद और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने स्वयं इस विषय को लोकसभा में उठाया, तो यह स्पष्ट हो गया कि देवभूमि में जो कुछ भी हो रहा है, वह राज्य के हित में नहीं है।

कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि हरिद्वार, देहरादून, नैनीताल और उधम सिंह नगर – इन चार जिलों में खनन व्यवसाय से लगभग 10 लाख परिवार प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए थे। नियमानुसार खनन कर ये लोग अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहे थे, लेकिन अब स्थिति भयावह हो चुकी है। सरकार की नीति और निर्णयों के कारण स्थानीय खनन व्यवसायी और मजदूर बेरोजगारी की कगार पर पहुँच गए हैं।

कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता डॉ. गणेश उपाध्याय ने कहा कि प्रदेश में अचानक लागू किए गए नए नियमों और दक्षिण भारत की एक विशेष कंपनी को अनुचित लाभ पहुँचाने की नीति ने हजारों मजदूरों, ट्रक चालकों, लोडर ऑपरेटरों और अन्य संबंधित व्यवसायों को संकट में डाल दिया है। उन्होने कहा कि यह सरकार की दमनकारी नीतियों का जीता-जागता उदाहरण है, जो राज्य के अपने नागरिकों की उपेक्षा कर बाहरी कंपनियों को फायदा पहुँचा रही है।

डॉ. गणेश उपाध्याय ने कहा कि उत्तराखंड में खनन माफिया का प्रभाव बढ़ता जा रहा है, जिससे सरकारी तंत्र की निष्क्रियता और मिलीभगत पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं। जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन की अनदेखी के चलते यह अवैध व्यापार फल-फूल रहा है। उन्होने कहा कि खनन के कारण पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है। नदियों का प्रवाह बाधित हो रहा है, जंगल कट रहे हैं और मिट्टी का कटाव तेज़ी से बढ़ रहा है। डॉ. गणेश उपाध्याय ने कहा कि इसके अलावा, भारी मात्रा में लदे ट्रक तेज़ रफ्तार में सड़कों पर दौड़ते हैं, जिससे सड़क दुर्घटनाएँ बढ़ती जा रही हैं। प्रशासन की अनदेखी के कारण आम जनता को अपने ही संसाधनों पर संकट झेलना पड़ रहा है।

कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता डॉ. गणेश उपाध्याय ने कहा कि जब हरिद्वार के सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने लोकसभा में इस मुद्दे को उठाया, तो सरकार की कार्यशैली पर बड़े सवाल खड़े हो गए। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि उत्तराखंड में जो कुछ भी हो रहा है, वह प्रदेश के लिए उचित नहीं है। उनके इस बयान से यह साफ हो गया कि वर्तमान सरकार की नीतियाँ केवल पूंजीपतियों के हित में हैं और आम जनता की परेशानियों से उसे कोई सरोकार नहीं है। उन्होने कहा कि सवाल यह उठता है कि जब कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल वर्षों से इस मुद्दे को उठा रहे थे, तब सरकार ने कोई संज्ञान क्यों नहीं लिया? क्या अब, जब उनके ही दल के नेता इस मुद्दे को उठा रहे हैं, तब भी सरकार कोई ठोस कार्रवाई करेगी?

कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता डॉ. गणेश उपाध्याय ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान सांसद के इस बयान के बाद उम्मीद की जा रही है कि जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन, जो अब तक इस अवैध गतिविधि को रोकने में कोई रुचि नहीं दिखा रहे थे, अब कार्रवाई करेंगे। उन्होने कहा कि यदि समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो यह समस्या और विकराल हो सकती है। जनता अब इस मुद्दे को लेकर मुखर हो रही है और सरकार से जवाब मांग रही है।उन्होने कहा कि खनन से प्रभावित क्षेत्रों में कई बार प्रदर्शन और धरने देखे गए हैं। लोग अपनी आजीविका को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन सरकार और प्रशासन पूरी तरह से उदासीन बने हुए हैं। उन्होने कहा कि स्थानीय निवासियों का कहना है कि अगर जल्द ही समाधान नहीं निकला, तो वे सड़कों पर उतरकर बड़ा आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे।

प्रदेश प्रवक्ता डॉ. गणेश उपाध्याय ने कहा कि खनन माफिया की मनमानी और प्रशासन की लापरवाही के चलते स्थानीय लोगों में जबरदस्त आक्रोश है। कांग्रेस ने इस मुद्दे को पहले भी प्रमुखता से उठाया है और आगे भी इसे उठाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। डॉ. गणेश उपाध्याय ने कहा कि प्रदेश के युवा बेरोजगार हो रहे हैं, छोटे व्यापारी तबाह हो रहे हैं और पर्यावरण विनाश की ओर बढ़ रहा है, लेकिन सरकार मूकदर्शक बनी हुई है। उन्होने बताया कि कई मजदूरों और छोटे व्यवसायियों का कहना है कि यदि सरकार ने जल्द ही इस ओर ध्यान नहीं दिया, तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करने के लिए मजबूर हो जाएंगे। उत्तराखंड में कांग्रेस पूरी ताकत से इस मुद्दे को उठाएगी और जनता की आवाज़ बनेगी।

प्रदेश प्रवक्ता डॉ. गणेश उपाध्याय ने कहा कि उत्तराखंड में अवैध खनन के बढ़ते जाल को देखते हुए यह आवश्यक हो गया है कि सरकार तुरंत इस पर ठोस कार्रवाई करे। स्थानीय प्रशासन को सख्त निर्देश दिए जाने चाहिए कि वे अवैध खनन पर रोक लगाएँ और इसमें संलिप्त लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें। उन्होने कहा कि सरकार को पारदर्शी नीतियों के तहत स्थानीय व्यवसायियों को प्राथमिकता देनी चाहिए। बाहरी कंपनियों को अनुचित लाभ पहुँचाने के बजाय स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर दिए जाने चाहिए। यदि समय रहते उचित कदम नहीं उठाए गए, तो यह मामला प्रदेश की राजनीति और सामाजिक स्थिरता के लिए गंभीर संकट बन सकता है।

त्रिवेंद्र सिंह रावत के लोकसभा में दिए गए बयान के बाद अब सबकी निगाहें सरकार की अगली कार्रवाई पर टिकी हुई हैं। क्या सरकार अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए कोई ठोस कदम उठाएगी, या यह मामला भी राजनीतिक गलियारों में गुम हो जाएगा? यह सवाल हर उत्तराखंडी के मन में गूँज रहा है। कांग्रेस इस मुद्दे को आगे भी उठाती रहेगी और जनता के अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष जारी रखेगी। उत्तराखंड को अवैध खनन से मुक्त करने और लोगों के रोजगार को सुरक्षित करने के लिए सरकार को अविलंब ठोस नीति बनानी होगी। प्रदेश की जनता अब जाग चुकी है और वह अपने अधिकारों के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है।

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