किच्छा। उत्तराखंड में किसानों का आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है और इसी के चलते शांतिपुरी नंबर दो में सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई। उत्तराखंड सरकार की कैबिनेट बैठक में वर्तमान गन्ना मूल्य नहीं बढ़ाने के फैसले से आहत किसानों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सरकार का पुतला दहन किया और विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदेश प्रवक्ता डॉ गणेश उपाध्याय ने सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि जब पूर्व विधायकों की पेंशन बढ़ाने का मुद्दा आता है तो कैबिनेट मीटिंग में इसे महज एक मिनट में पारित कर दिया जाता है और 40 हजार से बढ़ाकर 60 हजार कर दिया जाता है। लेकिन जब बात किसानों की आती है, तो सरकार चुप्पी साध लेती है। उन्होंने कहा कि किसान सालभर गन्ने की फसल उगाने के लिए मेहनत करता है, लेकिन बे-मौसम बारिश और जंगली तथा पालतू जानवरों के आतंक से उसकी फसल की पैदावार पर बुरा असर पड़ता है। इसके बावजूद सरकार किसानों को उनकी मेहनत का वाजिब मूल्य देने से बच रही है।
उन्होंने सरकार पर उत्तर प्रदेश की नकल करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उत्तराखंड को बने 25 वर्ष हो चुके हैं, फिर भी सरकार स्वतंत्र रूप से निर्णय लेने के बजाय उत्तर प्रदेश की ओर देखती है। जब उत्तर प्रदेश सरकार गन्ने का मूल्य नहीं बढ़ाती तो उत्तराखंड सरकार भी किसानों को राहत देने के लिए कोई कदम नहीं उठाती। उन्होंने कहा कि सरकार को किसानों के प्रति दिखावे का प्रेम और झूठे वादे बंद कर देने चाहिए। वहीं, पूर्व जिला अध्यक्ष नारायण सिंह बिष्ट ने केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकार पर करारा हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा हमेशा किसानों की आय दोगुनी करने की बात करती आई है, लेकिन हकीकत इसके बिल्कुल विपरीत है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार की नीतियां सिर्फ पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए बनाई जाती हैं, जबकि किसान लगातार बदहाली का शिकार होता जा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि यही स्थिति बनी रही तो किसान आने वाले समय में भाजपा को सबक सिखाने के लिए मजबूर हो जाएगा।
विरोध प्रदर्शन में शामिल पूर्व दुग्ध संघ के अध्यक्ष और किसान कांग्रेस उत्तराखंड के उपाध्यक्ष राजेंद्र शर्मा एडवोकेट ने भी भाजपा सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि भाजपा की कथनी और करनी में जमीन-आसमान का अंतर है। उन्होंने कहा कि केवल लच्छेदार भाषणों से देश नहीं चलता, बल्कि इसे चलाने के लिए स्पष्ट विजन और मजबूत नीतियों की जरूरत होती है। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र और राज्य की भाजपा सरकारें किसानों के हक में कोई ठोस निर्णय नहीं ले रही हैं, जिससे कृषि क्षेत्र लगातार संकट में आ रहा है। वहीं, उत्तराखंड कांग्रेस के सचिव विनोद कोरंगा ने भी भाजपा सरकार को घोर किसान विरोधी बताते हुए कहा कि जब से केंद्र और राज्य में भाजपा की सरकार बनी है, हर तबका परेशान हो गया है। उन्होंने कहा कि सरकार की गलत नीतियों की वजह से किसान आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं, लेकिन सत्ता में बैठे लोग इस पर ध्यान देने को तैयार नहीं हैं।
इस विरोध प्रदर्शन के दौरान बिशन सिंह कोरंगा, पूर्व अध्यक्ष सहकारी समिति शांतिपुरी, महिपाल सिंह बोरा, महामंत्री किसान कांग्रेस उत्तराखंड, नारायण सिंह कोरंगा, दिनेश पंत, मोहन कोरंगा, ललित मोहन कोरंगा, भानु, टीका सिंह नेगी, गणेश पांडे, राजू, पान सिंह सहित दर्जनों कार्यकर्ता और किसान मौजूद रहे। सभी ने एक स्वर में सरकार के खिलाफ नाराजगी जाहिर की और चेतावनी दी कि यदि जल्द ही गन्ना मूल्य नहीं बढ़ाया गया तो राज्यभर में बड़े स्तर पर आंदोलन किया जाएगा।