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अर्ध कुंभ 2027 की तैयारियों में तेजी, हरिद्वार को मिलेगा भव्य रूप

मुख्य सचिव आनंद वर्धन के नेतृत्व में हरिद्वार अर्ध कुंभ 2027 की योजनाओं को अंतिम रूप देने के लिए अधिकारियों को दिए गए सख्त निर्देश

देहरादून। उत्तराखंड में 2027 के अर्ध कुंभ की तैयारियों में तेजी आई है। इस बार हरिद्वार में आयोजित होने वाला अर्ध कुंभ न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण होगा, बल्कि इससे जुड़े आयोजन और व्यवस्थाएं भी भव्य और सुव्यवस्थित होने वाली हैं। मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने अधिकारियों की एक महत्वपूर्ण बैठक में अर्ध कुंभ के आयोजन के लिए आगामी कार्यों पर गंभीरता से विचार किया। इस दौरान उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि एक सप्ताह के भीतर नोडल अधिकारियों का चयन कर लिया जाए, ताकि कार्यों में कोई भी रुकावट न आए। साथ ही उन्होंने विभिन्न जरूरी पदों के सृजन की प्रक्रिया को भी शीघ्र पूरा करने की बात कही।

मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने अर्ध कुंभ की तैयारियों को लेकर किए गए सुझावों और योजनाओं पर भी विचार किया। बैठक के दौरान हरिद्वार के जिलाधिकारी को विशेष निर्देश दिए गए कि वे संबंधित विभागों से मिलकर जरूरी तैयारी शुरू करें। इस बार के अर्ध कुंभ में खासतौर पर क्राउड और ट्रैफिक मैनेजमेंट पर ध्यान दिया जाएगा, क्योंकि इन आयोजनों के दौरान लाखों श्रद्धालुओं का आगमन होता है। इस लिहाज से व्यवस्थाओं की तैयारी पहले से ही शुरू कर दी गई है, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।

आगामी अर्ध कुंभ 2027 के लिए मुख्य सचिव ने यह भी कहा कि अगले एक सप्ताह में सभी कार्यकारी विभागों के नोडल अधिकारियों का चयन पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद विभिन्न समितियों का गठन किया जाएगा और संबंधित कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर शुरू किया जाएगा। हरिद्वार के विभिन्न क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण करने के निर्देश भी दिए गए हैं, ताकि सभी जरूरी स्थानों का आकलन करके योजनाएं बनाई जा सकें।

अर्ध कुंभ के आयोजन में इस बार कुछ नई और बड़ी विशेषताएँ होंगी। पहली बार अखाड़ों की पेशवाई आयोजित की जाएगी, जो एक ऐतिहासिक पहल साबित हो सकती है। इस बार न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया के सनातन धर्म से जुड़े श्रद्धालुओं को अर्ध कुंभ में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। इस आयोजन के दौरान कुंभ मेला क्षेत्र का विस्तार भी किया जा सकता है, ताकि श्रद्धालुओं की अधिक संख्या को समायोजित किया जा सके। इसके अलावा, हरिद्वार के गंगा किनारे घाटों की संख्या में भी वृद्धि की जाएगी, ताकि हर श्रद्धालु को पर्याप्त स्थान मिल सके।

मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने इस बात पर जोर दिया कि आगामी अर्ध कुंभ को दिव्य और भव्य रूप में आयोजित किया जाए, जैसा कि महाकुंभ के दौरान होता है। यह अवसर न केवल धार्मिक महत्व का होगा, बल्कि इससे उत्तराखंड और हरिद्वार की आस्था और धार्मिक धरोहर को भी विश्वभर में एक नई पहचान मिलेगी। उन्होंने अधिकारियों से यह भी कहा कि वे 30 अप्रैल तक भारत सरकार को विभिन्न प्रस्ताव भेजने का कार्य पूर्ण करें, ताकि राष्ट्रीय स्तर पर आवश्यक अनुमोदन प्राप्त किया जा सके।

अर्ध कुंभ 2027 के आयोजन को लेकर राज्य सरकार की ओर से पहले से ही तैयारी शुरू कर दी गई है। इस बड़े धार्मिक आयोजन की सफलता के लिए प्रत्येक विभाग को अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन पूरी तत्परता और समर्पण के साथ करने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्य सचिव ने अधिकारियों से यह भी अपेक्षाएँ जताई कि वे समयबद्ध तरीके से कार्यों को पूरा करें, ताकि अर्ध कुंभ का आयोजन न केवल धार्मिक रूप से सफल हो, बल्कि सभी पहलुओं में चमत्कारी साबित हो।

अर्ध कुंभ 2027 इस बार पहले से कहीं अधिक भव्य और ऐतिहासिक रूप में आयोजित किया जाएगा, ताकि यह धार्मिक दृष्टिकोण से यादगार बन सके। हरिद्वार, जो कि भारत के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है, में इस आयोजन की तैयारी पूरी जोश और समर्पण के साथ की जा रही है। इस बार के अर्ध कुंभ में श्रद्धालुओं को हर प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराने का पूरा ध्यान रखा जाएगा। व्यवस्थाओं को अत्यधिक सुव्यवस्थित और सुरक्षित बनाने के लिए अधिकारियों द्वारा विशेष प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि लाखों श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े। खासतौर पर पानी, पार्किंग, ट्रैफिक और सुरक्षा व्यवस्थाओं में सुधार पर जोर दिया जाएगा। इस बार, श्रद्धालु पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ इस पवित्र आयोजन में भाग लेंगे, जिससे हरिद्वार की धार्मिक महिमा और भी बढ़ेगी।

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