देहरादून। अमेरिका द्वारा भारत पर 26 प्रतिशत का भारी-भरकम टैरिफ लगाए जाने को लेकर देशभर में सियासत का माहौल गर्मा गया है और विपक्ष ने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. गणेश उपाध्याय ने इस फैसले को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला है और गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि जब देश की जनता पहले से ही महंगाई, बेरोजगारी और आर्थिक अस्थिरता की मार झेल रही है, ऐसे में अमेरिका द्वारा लगाए गए इस टैरिफ से आम नागरिकों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ना तय है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी को सवालों के घेरे में रखते हुए कहा कि ‘जो सरकार अब तक जनता को महंगाई की आग में झोंक चुकी है, वही सरकार अब अमेरिका के इस आर्थिक हमले पर भी मौन साधे बैठी है, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।’
डॉ. उपाध्याय ने कहा कि अमेरिका द्वारा उठाया गया यह हालिया कदम भारत की अर्थव्यवस्था के लिए एक गहरा झटका साबित हो सकता है, जिसका प्रत्यक्ष प्रभाव देश के आम नागरिकों की जेब पर पड़ेगा। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जिस प्रकार वैश्विक स्तर पर भारत की आर्थिक निर्भरता बढ़ती जा रही है, ऐसे में अमेरिका जैसे शक्तिशाली देश की नीतियों में मामूली बदलाव भी भारत की आर्थिक स्थिति को अस्थिर करने की क्षमता रखते हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार इस गंभीर मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं, न तो सरकार की ओर से कोई ठोस प्रतिक्रिया सामने आई है और न ही कोई रक्षात्मक नीति या रणनीतिक पहल दिखाई दे रही है। डॉ. उपाध्याय ने इसे भारत की विदेश नीति की गंभीर विफलता करार दिया और कहा कि यदि शीघ्र ही इस पर स्पष्ट नीति नहीं बनाई गई तो इसका व्यापक असर देश की आंतरिक अर्थव्यवस्था पर भी पड़ेगा।
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. गणेश उपाध्याय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लगातार होते विदेश दौरों को भी कठघरे में खड़ा करते हुए उन पर तीखा कटाक्ष किया। उन्होंने आरोप लगाया कि बीते दस वर्षों में मोदी सरकार ने विदेश नीति को केवल प्रचार और दिखावे का माध्यम बना दिया है, जहां असल मुद्दों को उठाने के बजाय केवल फोटो खिंचवाने और मंचों पर भाषण देने तक सीमित रखा गया है। उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री अमेरिका जैसे बड़े देशों के दौरे पर जाते हैं तो वहां मंचों से बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, भारत की ताकत और साख की बातें करते हैं, लेकिन जैसे ही उन देशों की नीतियों से भारत को सीधा नुकसान होता है, खासकर जब भारत के खिलाफ आर्थिक फैसले लिए जाते हैं, तब वही प्रधानमंत्री मौन साध लेते हैं। उन्होंने इसे सरकार की कमजोरी बताते हुए कहा कि विदेश नीति केवल भाषणों से नहीं, बल्कि ठोस फैसलों से चलती है।
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. गणेश उपाध्याय ने केंद्र सरकार की विदेश नीति की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि एक तरफ चीन लगातार भारत की सीमाओं में घुसपैठ कर रहा है और उसके साथ भारत का व्यापार घाटा दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है, जिससे देश को रणनीतिक और आर्थिक दोनों स्तरों पर नुकसान हो रहा है। वहीं दूसरी तरफ अब अमेरिका ने भी भारत पर 26 प्रतिशत का भारी-भरकम टैरिफ लगाकर एक तरह से आर्थिक हमला कर दिया है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को गहरा आघात पहुंचने की आशंका है। उन्होंने कहा कि यह स्थिति देश के लिए बेहद चिंताजनक है, क्योंकि दोनों महाशक्तियों के मोर्चे पर भारत को नुकसान उठाना पड़ रहा है, और इन सबके बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरी तरह मौन व्रत धारण किए हुए हैं। उपाध्याय ने कटाक्ष करते हुए कहा कि जब देश को प्रभावशाली नेतृत्व की सबसे अधिक जरूरत है, तभी सरकार की चुप्पी सबसे ज्यादा खल रही है।
डॉ. गणेश उपाध्याय ने चेतावनी देते हुए कहा कि अमेरिका द्वारा लगाए गए इस 26 प्रतिशत टैरिफ का असर केवल बड़े निर्यातकों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसका बोझ धीरे-धीरे किसानों, छोटे व्यापारियों और देश के आम उपभोक्ताओं तक पहुंचेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि कृषि उपकरण, जीवन रक्षक दवाइयां, वस्त्र उद्योग से जुड़े उत्पाद और आईटी सेक्टर के प्रोडक्ट्स जैसे अहम निर्यात सामानों पर जब अतिरिक्त कर लगेगा, तो उनकी उत्पादन लागत बढ़ेगी, जिससे न केवल कीमतों में वृद्धि होगी, बल्कि निर्यात में गिरावट भी आ सकती है। इसका सीधा असर रोजगार के अवसरों पर पड़ेगा, खासकर उन क्षेत्रों में जहां बड़ी संख्या में मजदूर और युवा काम करते हैं। उपाध्याय ने कहा कि सरकार यदि समय रहते इस मुद्दे पर कोई प्रभावी नीति नहीं बनाती, तो आने वाले महीनों में देश के लाखों लोगों की आजीविका पर गंभीर संकट खड़ा हो सकता है।
डॉ. गणेश उपाध्याय ने तीखा आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा सरकार जानबूझकर ऐसे संवेदनशील और राष्ट्रहित से जुड़े गंभीर मुद्दों पर चुप्पी साध रही है, ताकि देश की जनता का ध्यान वास्तविक समस्याओं से हटाया जा सके। उन्होंने कहा कि आज देश महंगाई, बेरोजगारी और सामाजिक असंतुलन जैसी विकराल चुनौतियों से जूझ रहा है, लेकिन केंद्र सरकार इन मुद्दों पर गंभीरता से काम करने के बजाय, उन्हें नजरअंदाज कर रही है। उपाध्याय ने आरोप लगाया कि भाजपा का पूरा फोकस सिर्फ चुनावी रणनीतियों पर केंद्रित है, और सरकार केवल राष्ट्रवाद का मुखौटा पहनकर जनभावनाओं को भटकाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि “यह सरकार असली समस्याओं का समाधान निकालने के बजाय उन्हें दबाकर, देशवासियों की आंखों में धूल झोंक रही है, ताकि चुनावों में जीत हासिल की जा सके।” उन्होंने इसे लोकतंत्र और जनता दोनों के साथ धोखा करार दिया।
उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. गणेश उपाध्याय ने केंद्र सरकार से मांग की कि अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए 26 प्रतिशत टैरिफ जैसे गंभीर और दूरगामी प्रभाव डालने वाले मुद्दे पर संसद में तत्काल जवाब दिया जाए। उन्होंने कहा कि इस विषय पर सरकार की चुप्पी बेहद निराशाजनक और चिंताजनक है, क्योंकि इसका सीधा असर देश की अर्थव्यवस्था और आम जनता की जेब पर पड़ेगा। डॉ. उपाध्याय ने जोर देकर कहा कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुद सामने आकर देश की जनता को स्पष्ट रूप से बताना चाहिए कि आखिर अमेरिका ने भारत पर इतना भारी टैरिफ क्यों लगाया और भारत सरकार इस चुनौती से निपटने के लिए कौन से कूटनीतिक या व्यापारिक कदम उठाने जा रही है।” उन्होंने कहा कि इस प्रकार की अंतरराष्ट्रीय नीति संबंधी घटनाओं पर पारदर्शिता और जवाबदेही जरूरी है, ताकि जनता सरकार के रुख को समझ सके।
डॉ. गणेश उपाध्याय ने अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ पर मोदी सरकार की चुप्पी को केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि गंभीर कूटनीतिक असफलता करार दिया। उन्होंने कहा कि जब देश के हितों पर सीधा आघात होता है, तो देश के प्रधानमंत्री का यह नैतिक और संवैधानिक कर्तव्य बनता है कि वे न केवल जनता को स्थिति की सच्चाई बताएं, बल्कि ऐसा भरोसा भी दिलाएं कि सरकार ठोस और प्रभावी कदम उठा रही है। लेकिन दुर्भाग्यवश, मौजूदा सरकार में जवाबदेही और जिम्मेदारी जैसे मूलभूत लोकतांत्रिक सिद्धांत लगभग गायब हो चुके हैं। उपाध्याय ने कहा कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब मंचों पर भाषण देते हैं तो खुद को मजबूत नेता के रूप में प्रस्तुत करते हैं, लेकिन जब देश को वैश्विक स्तर पर संकट झेलना पड़ता है, तब वही नेतृत्व कहीं नजर नहीं आता।” उन्होंने इसे जनहित के साथ एक प्रकार की गंभीर उपेक्षा बताया।
डॉ. गणेश उपाध्याय ने अपने वक्तव्य के अंत में कहा कि वर्ष 2024 के आम चुनावों में जिस प्रकार देश की जनता ने विपक्ष को मजबूती और नई ऊर्जा प्रदान की है, वह इस बात का संकेत है कि अब देशवासी बदलाव की दिशा में सोच रहे हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि आने वाले 2029 के आम चुनावों में जनता इस जनविरोधी और संवेदनहीन सरकार से उसके हर फैसले का जवाब मांगेगी। उपाध्याय ने कहा कि अब देश के नागरिक केवल भावनात्मक भाषणों और दिखावटी राष्ट्रवाद से संतुष्ट नहीं होंगे, बल्कि वे ठोस नीतियों, पारदर्शिता और परिणामों की मांग करेंगे। उन्होंने कहा कि अब लोग केवल भाषण नहीं, एक्शन देखना चाहते हैं। उन्हें यह जानना है कि सरकार उनके भविष्य, रोजगार और सुरक्षा को लेकर क्या कर रही है। उन्होंने जनता से अपील की कि लोकतंत्र में जवाबदेही तय करना अब हर नागरिक की प्राथमिक जिम्मेदारी बन चुकी है।