काशीपुर। सियासी और कारोबारी गलियारों में उस समय हलचल मच गई जब गदरपुर विधायक अरविंद पांडे प्रमुख व्यवसायी अनूप अग्रवाल के आवास पर पहुंचे और वहां से एक सनसनीखेज आरोपों की फेहरिस्त लेकर बाहर आए। उन्होंने दावा किया कि अनूप अग्रवाल अब जीवित हैं या नहीं, यह एक गंभीर आशंका का विषय बन गया है। प्रेस के समक्ष बोलते हुए विधायक ने यह भी कहा कि इंसान गलतियों का पुतला होता है और यदि अनूप से भी कुछ त्रुटियां हुई हैं, तो इसका मतलब यह नहीं कि उसकी कीमत जान से चुकाई जाए। उन्होंने शहर के कुछ दलालों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि अनूप अग्रवाल के व्यापार को जबरन हथियाने की साजिश रची गई है और उसे योजनाबद्ध तरीके से फंसाया गया है। इतना ही नहीं, विधायक का यह भी कहना था कि अनूप को लगातार प्रताड़ित किया गया, उस पर झूठे मुकदमे लादे गए और उसे इतना मानसिक दबाव दिया गया कि उसकी हालत दो बार हार्ट अटैक तक की स्थिति में पहुंच गई।
इस पूरे घटनाक्रम की शुरुआत बीती रात करीब साढ़े नौ बजे तब हुई, जब अनूप अग्रवाल की मां उर्मिला देवी ने स्वयं पूर्व कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडे को फोन कर यह दर्दभरा सन्देश दिया कि शायद पुलिस ने उनके बेटे को मार दिया है और अब वह जीवित नहीं है। इस कॉल के बाद विधायक तत्काल काशीपुर पहुंचे और अनूप अग्रवाल के आवास पर जाकर परिजनों से मुलाकात की। उसके बाद उन्होंने पत्रकारों को संबोधित करते हुए पूरे मामले को जनता के समक्ष उजागर किया। विधायक ने भावुक स्वर में कहा कि जिस तरह से अनूप की मां ने उन्हें बताया कि उनका बेटा 2 दिसंबर से लापता है और होली के बाद से कोई संवाद नहीं हुआ है, वह अत्यंत पीड़ादायक है। उन्होंने यह भी कहा कि परिजन तक नहीं जानते कि अनूप अग्रवाल की पत्नी, बहू और पोते का कोई अता-पता क्या है। परिवार में एक बेटा कैंसर से जूझ रहा है और दूसरा चल फिर नहीं सकता। ऐसी विषम परिस्थिति में उर्मिला देवी ने विधायक से अपने बेटे को खोज लाने की गुहार लगाई।

इस पूरे घटनाक्रम को लेकर विधायक का आरोप है कि अनूप अग्रवाल को सिर्फ इसलिए निशाना बनाया गया क्योंकि कुछ प्रभावशाली दलाल उनकी संपत्ति और व्यवसाय को हड़पना चाहते थे। इस दबाव में उसे आर्थिक और सामाजिक रूप से कमजोर किया गया, झूठे मुकदमों में फंसाया गया और पुलिस का भी प्रयोग करके उसे हतोत्साहित किया गया। अरविंद पांडे ने यह भी कहा कि अगर अनूप अग्रवाल ने कोई अपराध किया होता तो उस पर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन जिस तरह से उसे गायब कर दिया गया और परिवार को भय के वातावरण में जीने पर मजबूर किया गया है, वह प्रशासनिक क्रूरता का उदाहरण है। उन्होंने यह भी संकेत दिए कि यह सिर्फ स्थानीय प्रशासन की लापरवाही नहीं बल्कि साजिश का हिस्सा है, जिसमें कुछ चुनिंदा लोग लाभ की मंशा से पूरे परिवार को तबाह करने पर तुले हैं।
अरविंद पांडे ने इस बात पर विशेष जोर दिया कि वह इस पूरे मामले को राष्ट्रीय स्तर तक उठाएंगे और उर्मिला देवी को साथ लेकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृहमंत्री अमित शाह, और राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष से मिलकर उन्हें इस गंभीर विषय से अवगत कराएंगे। उन्होंने कहा कि यदि राज्य की सरकार और स्थानीय प्रशासन इस संवेदनशील मामले में निष्पक्ष कार्रवाई नहीं करता है तो वह स्वयं पूरे मामले को भाजपा के शीर्ष नेतृत्व तक लेकर जाएंगे। उन्होंने जनता से भी अपील की कि वे इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाएं ताकि कोई और व्यवसायी इस तरह की साजिशों का शिकार न बने।

वहीं, दूसरी ओर उर्मिला देवी ने प्रेस से बातचीत में कहा कि उनका बेटा न कोई डकैत है, न उसने किसी को लूटा है और न ही किसी को मारा है। उन्होंने कहा कि यदि उसने कोई गलती की भी है, तो उसे माफ कर दिया जाए, वह उत्तराखंड छोड़ देगा, लेकिन उसे मौत की सजा न दी जाए। एक मां की पीड़ा, उसका आक्रोश और उसकी अपील ने पूरे माहौल को स्तब्ध कर दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें न्याय चाहिए और अपने बेटे की सलामती की खबर चाहिए, बस और कुछ नहीं। उनका यह भी कहना था कि अगर अनूप अग्रवाल को कुछ हुआ है तो इसके लिए वे हर मंच पर जाकर चीखेंगी और तब तक नहीं रुकेंगी जब तक सच्चाई सामने नहीं आ जाती।
इस पूरे प्रकरण ने काशीपुर की राजनीति में नई बहस को जन्म दे दिया है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस मामले में कितनी गंभीरता दिखाता है और क्या वाकई अनूप अग्रवाल की वापसी होती है या यह मामला किसी बड़ी साजिश की ओर इशारा कर रहा है। फिलहाल, यह खबर शहर में चिंता, पीड़ा और आक्रोश का विषय बनी हुई है।