देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। इस बैठक में 17 प्रस्तावों को मंजूरी मिली, जिनमें शिक्षा, कृषि, रोजगार और आबकारी नीति से जुड़े अहम निर्णय शामिल हैं। सरकार के इन फैसलों का सीधा लाभ किसानों, विद्यार्थियों, महिलाओं और सरकारी कर्मचारियों को मिलेगा। शिक्षा क्षेत्र में सुधार के साथ-साथ किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया गया है, जिससे उन्हें आर्थिक मजबूती मिलेगी। वहीं, नई आबकारी नीति को स्वीकृति देकर सरकार ने राजस्व बढ़ाने की दिशा में कदम बढ़ाया है। रोजगार और औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए भी महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं, जिससे युवाओं के लिए नए अवसर खुलेंगे। इन फैसलों से राज्य में विकास की गति तेज होगी और विभिन्न वर्गों को राहत मिलेगी।
सरकार ने उत्तराखंड के गौरवशाली इतिहास को संजोने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। राज्य आंदोलन के स्वर्णिम अध्याय को अब स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। ‘हमारी विरासत और विभूतियां’ नामक पाठ्य पुस्तक को कक्षा 6 से 8 तक के छात्रों को पढ़ाया जाएगा, जिससे नई पीढ़ी अपने राज्य के संघर्ष और बलिदान से परिचित हो सकेगी। साथ ही, शिक्षा क्षेत्र में एक और अहम बदलाव करते हुए सरकार ने 10वीं कक्षा के बाद तीन वर्षीय डिप्लोमा को 12वीं के समकक्ष मान्यता देने का प्रस्ताव पास कर दिया है। इस फैसले से तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा और विद्यार्थियों के करियर में नए अवसर खुलेंगे।
किसानों के लिए भी कैबिनेट ने एक राहत भरा फैसला लिया है। गन्ना किसानों को आर्थिक मजबूती देने के उद्देश्य से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) तय कर दिया गया है। अगेती प्रजाति के गन्ने का मूल्य 375 रुपये प्रति क्विंटल और सामान्य प्रजाति का मूल्य 365 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। यह फैसला किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य दिलाने में सहायक होगा। वहीं, कारागार विभाग की सेवा नियमावली को मंजूरी देकर जेल प्रशासन में सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है।
राज्य के कर्मचारियों को पदोन्नति में राहत देने के उद्देश्य से कार्मिक विभाग के कर्मचारियों को पदोन्नति में शिथिलीकरण की स्वीकृति दी गई है। इसके अलावा, राज्य संपत्ति के समूह ‘ख’ और ‘ग’ की नियमावली को भी मंजूरी मिल गई है, जिससे प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता और गति आएगी। महिलाओं के सशक्तिकरण को और मजबूती देने के लिए सरकार ने ‘सीएम एकल महिला स्वरोजगार योजना’ के तहत 2 लाख रुपये देने की योजना को भी स्वीकृति प्रदान की है। यह योजना महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और स्वरोजगार को बढ़ावा देने में सहायक होगी।
राज्य में पुरानी पेंशन योजना को लेकर भी बड़ी घोषणा की गई है। UPS पेंशन स्कीम को मंजूरी देकर सरकार ने कर्मचारियों को राहत दी है। इसके अतिरिक्त, स्टांप एवं निबंधन विभाग में 29 नए पदों के सृजन की भी स्वीकृति दी गई है, जिससे विभागीय कार्यों में सुधार होगा। गृह विभाग की सेवा नियमावली को भी कैबिनेट से हरी झंडी मिल गई है, जिससे पुलिस और गृह विभाग के कार्यों में सुधार और पारदर्शिता आएगी।
सरकार ने मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए भी बड़ा निर्णय लिया है। ट्राउट मछली पालन को प्रोत्साहित करने हेतु मत्स्य पालकों के लिए नई योजना को स्वीकृति दी गई है। इससे मछली उत्पादन बढ़ेगा और स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। इसके साथ ही, उधम सिंह नगर के पराग फार्म की 1354 एकड़ जमीन को सिडकुल को दिए जाने का प्रस्ताव पास किया गया है, जिससे औद्योगिक विकास को गति मिलेगी।
उत्तराखंड कैबिनेट ने सबसे अहम और बहुप्रतीक्षित फैसला आबकारी नीति पर लिया है, जिसे मंजूरी दे दी गई है। इस नई नीति के तहत शराब के लाइसेंस और बिक्री से जुड़े नए प्रावधान लागू होंगे, जिससे सरकार के राजस्व में वृद्धि होगी। नीति का मुख्य उद्देश्य शराब के व्यापार को अधिक संगठित और पारदर्शी बनाना है, जिससे अवैध बिक्री पर रोक लगेगी। इसके जरिए राज्य में शराब के नियंत्रण और वितरण की प्रक्रिया को प्रभावी बनाया जाएगा। सरकार का मानना है कि इस नीति से न केवल सरकारी आय में बढ़ोतरी होगी बल्कि सामाजिक दृष्टि से भी संतुलन बनाए रखा जाएगा। इसके अलावा, इससे शराब व्यवसाय को सुचारू रूप से संचालित करने में मदद मिलेगी और बाजार व्यवस्था में सुधार आएगा। नई आबकारी नीति के चलते आर्थिक विकास को भी बल मिलेगा और राज्य को अतिरिक्त वित्तीय संसाधन उपलब्ध होंगे।
उत्तराखंड सरकार द्वारा लिए गए इन महत्वपूर्ण फैसलों से समाज के विभिन्न वर्गों को सीधा लाभ मिलेगा और राज्य के विकास की नई दिशा तय होगी। किसानों, विद्यार्थियों, महिलाओं और सरकारी कर्मचारियों के लिए ये निर्णय राहत भरे साबित होंगे। न्यूनतम समर्थन मूल्य से किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, जबकि शिक्षा और रोजगार के नए अवसर युवाओं के भविष्य को संवारेंगे। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार ने विशेष योजनाओं को मंजूरी दी है, जिससे उन्हें स्वरोजगार के बेहतर अवसर मिलेंगे। वहीं, प्रशासनिक सुधारों और नई आबकारी नीति से राज्य के राजस्व में वृद्धि होगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में लिए गए ये निर्णय उत्तराखंड को प्रगति के पथ पर आगे ले जाने में मील का पत्थर साबित होंगे। इन बदलावों से राज्य में न केवल आर्थिक मजबूती आएगी, बल्कि सामाजिक और औद्योगिक विकास को भी नई गति मिलेगी।