रुद्रप्रयाग (उत्तराखंड)। उत्तराखंड के आकाश में एक बार फिर दर्दनाक हादसे ने दस्तक दी है। बाबा केदारनाथ की पवित्र यात्रा पर निकले श्रद्धालुओं को ले जा रहा एक हेलीकॉप्टर आज तड़के हादसे का शिकार हो गया। आर्यन एविएशन कंपनी का यह हेलीकॉप्टर गुप्तकाशी हेलीपैड से उड़ान भरकर केदारनाथ धाम की ओर रवाना हुआ था, लेकिन यात्रा बीच में ही थम गई। यह दुखद घटना गौरीकुंड और सोनप्रयाग के बीच स्थित घने जंगलों में घटी, जहां हेलीकॉप्टर अचानक से क्रैश हो गया। हादसे के बाद मौके पर अफरातफरी मच गई। प्राप्त जानकारी के अनुसार, हेलीकॉप्टर में कुल छह लोग सवार थे और दुर्भाग्यवश, सभी की मौत की सूचना सामने आ चुकी है। जैसे ही हादसे की खबर सामने आई, राहत और बचाव दलों को अलर्ट पर रखा गया और एसडीआरएफ की टीम तुरंत रवाना हो गई।
आज की यह सुबह उत्तराखंड के लिए बेहद भयावह रही। लगभग सुबह 5:17 बजे के आसपास आर्यन एविएशन का हेलीकॉप्टर गुप्तकाशी से उड़ान भरकर श्रद्धालुओं को लेकर केदारनाथ धाम की ओर बढ़ा। लेकिन हिमालयी क्षेत्र की कठिन परिस्थितियां फिर से हादसे का कारण बनीं। बताया जा रहा है कि मार्ग में मौसम का मिजाज बिगड़ गया था। बादलों से ढके आसमान और तेज हवाओं के बीच पायलट ने किसी अन्य सुरक्षित स्थान पर आपात लैंडिंग की कोशिश की, लेकिन दुर्भाग्य से वह सफल नहीं हो सका। बादलों से घिरे घने जंगलों में हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस दर्दनाक हादसे पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शोक व्यक्त करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा कि उन्हें रुद्रप्रयाग जनपद में हुई इस भीषण दुर्घटना की जानकारी मिलते ही अत्यंत दुख हुआ है। उन्होंने कहा कि एसडीआरएफ, स्थानीय प्रशासन और रेस्क्यू टीम घटनास्थल पर राहत कार्यों में जुटी हैं और बाबा केदारनाथ से सभी यात्रियों की सुरक्षा की कामना की।
यह हादसा पहली बार नहीं है जब केदारनाथ यात्रा मार्ग पर हेलीकॉप्टर दुर्घटना की खबर आई हो। इससे पहले भी 7 जून को ऐसी ही एक घटना ने यात्रियों को झकझोर दिया था। उस दिन क्रिस्टल एविएशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का हेलीकॉप्टर बडासू हेलीपैड से उड़ान भरकर केदारनाथ के लिए चला था, लेकिन तकनीकी गड़बड़ी के चलते वह संकट में आ गया। पायलट की सूझबूझ से हेलीकॉप्टर को सड़क पर आपातकालीन लैंडिंग कराई गई थी, और उसमें सवार सभी छह लोग बाल-बाल बच गए थे। केवल पायलट को मामूली चोटें आई थीं। उस हादसे में जान का कोई नुकसान नहीं हुआ था, लेकिन आज का यह हादसा बेहद भयावह और दुखद रहा।
उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में अक्सर मौसम बिना किसी पूर्व चेतावनी के बदल जाता है, जो यात्रा और हवाई उड़ानों के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण होता है। गुप्तकाशी से केदारनाथ का हवाई मार्ग हर साल हजारों श्रद्धालुओं को अपनी मंज़िल तक पहुंचाता है, लेकिन इस मार्ग पर खराब मौसम, ऊँचाई, और अचानक बदलते हालात हादसों का खतरा भी साथ लाते हैं। आज का हादसा एक बार फिर इस बात की याद दिला गया कि पहाड़ों में सावधानी और सुरक्षा की सबसे बड़ी जरूरत है। सरकार और एविएशन कंपनियों को अब इन घटनाओं से सबक लेकर सुरक्षा मानकों को और मजबूत करने की दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे। श्रद्धालुओं की आस्था की यह यात्रा अब सुरक्षा की बड़ी चुनौती भी बनती जा रही है।
इस घटना से पूरे उत्तराखंड में शोक की लहर दौड़ गई है। बाबा केदारनाथ की शरण में जा रहे श्रद्धालुओं की अकस्मात मृत्यु ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया है। इस पवित्र यात्रा मार्ग पर लगातार हो रहे हेलीकॉप्टर हादसे अब चिंता का विषय बनते जा रहे हैं। जहां एक ओर श्रद्धालु आस्था से जुड़े होते हैं, वहीं दूसरी ओर उन्हें यह भी डर सताने लगा है कि कहीं यह यात्रा उनके जीवन की आखिरी यात्रा न बन जाए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा जताया गया दुख सिर्फ एक संवेदना नहीं, बल्कि एक चेतावनी भी है कि हमें हवाई सुरक्षा, मौसम की निगरानी और उड़ान प्रबंधन पर और अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। अब यह समय है जब सिस्टम को जागना चाहिए, ताकि भविष्य में कोई और श्रद्धालु इस प्रकार की अनहोनी का शिकार न हो।